अहमदाबाद। गुजरात की राजनीति में चुनाव से पहले भारी उलटफेर देखने को मिल रहे हैं. खासकर पाटीदार नेता हार्दिक पटेल मंझधार में फंसते नजर आ रहे हैं. एक तरफ कांग्रेस ने पाटीदारों की आरक्षण मांग पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है, वहीं दूसरी तरफ हार्दिक के करीबी लगातार भाजपा के पाले में जा रहे हैं.
इस कड़ी में शनिवार को एक नाम और जुड़ गया है. पाटीदार आंदोलन के प्रसिद्ध नेता रहे केतन पटेल शनिवार को भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने जा रहे हैं. केतन पटेल एक वक्त में हार्दिक पटेल का साया माना जाते थे. आरक्षण आंदोलन के दौरान वो हार्दिक के इर्द-गिर्द नजर आते थे. हालांकि बाद में दोनों के रास्ते अलग हो गए थे. केतन पर राजद्रोह का मामला दर्ज था. जिसके बाद वो हार्दिक के खिलाफ गवाह भी बने. अब उनके हाथ में भाजपा का झंडा होगा.
हार्दिक के लिए ये बड़ा झटका नहीं माना जा रहा है, लेकिन लगातार पाटीदार आरक्षण से जुड़े नेताओं का भाजपा में जाना इस पूरे आंदोलन को कहीं न कहीं असर डालता दिखाई दे रहा है. इससे पहले हार्दिक के बेहद करीबी रेशमा पटेल और वरुण पटेल ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है. इन नेताओं ने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद हार्दिक पर पटेल समाज के साथ गद्दारी करने का आरोप लगाया था. इन दोनों के अलावा चिराग पटेल और महेश पटेल भी पाटीदारों को छोड़ सत्ताधारी भाजपा के साथ जा चुके हैं.
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