दिल्ली के पूर्व राज्यपाल नजीब जंग का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश का चुनाव हारने जा रही है। नजीब जंग का कहना है कि भाजपा सरकार नहीं बनाने जा रही है। वह यूपी में चुनाव हारेगी। द वायर के लिए वरिष्ठ पत्रकार करण थापर को दिये गए इंटरव्यू में नजीब जंग ने यह दावा किया है। जब करण थापर ने पूछा कि आखिर वह इतने श्योर कैसे हैं? इस पर नजीब जंग ने यूपी चुनाव का पूरा गणित समझा दिया।
साल 2017 के यूपी चुनाव में भाजपा के बहुमत की वजह नजीब जंग ने मोदी को माना। उनका कहना है कि मोदी काऊ बेल्ट में काफी पॉपुलर हैं। पिछली बार उनका चेहरा सामने था। उनके साथ अमित शाह थे, यह करिश्मा काम कर गया। लेकिन इस बार योगी का चेहरा आगे हैं। योगी को भाजपा ने सीएम कैंडिडेट बनाया है और योगी का आगे होना कई निगेटिव फैक्टर प्ले करेगा, जिसका भाजपा को नुकसान होगा।
पूर्व राज्यपाल का कहना है कि योगी को यूपी चुनाव में आगे रख कर भाजपा ने गलती कर दी है और इस बार यही उसकी हार का कारण होगा।
नजीब जंग ने कारण गिनवाते हुए कहा कि
- भाजपा को किसान आंदोलन का खामियाजा उठाना पड़ेगा। गृहराज्य मंत्री टेनी के बेटे से जुड़ा विवाद और फिर उसको बेल मिलने से भी भाजपा को नुकसान होगा।
- गौशालाएं नहीं होने से गाएं खेतों में खुला घूम रही हैं, किसानों के खेतों को जानवरों से नुकसान पहुंच रहा है। इससे किसान नाराज हैं।
- पिछले दो सालों में उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दोगुनी हो गई है। आलम यह है कि यूपी में ग्रेजुएट युवा मनरेगा में काम कर रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
- योगी जिस तरह से मुसलमानों के खिलाफ बयान दे रहे हैं, उससे भी फर्क पड़ा है।
तो आखिर यूपी में किसकी सरकार बनने जा रही है। इस पर नजीब जंग समाजवादी पार्टी का नाम लेते हैं। उनका दावा है कि अखिलेश यादव अपने दम पर यूपी में सरकार बनाने जा रहे हैं। अखिलेश यादव के पक्ष में दावा करने का कारण बताते हुए नजीब जंग का कहना है कि वह शानदार तरीके से चुनाव लड़ रहे हैं। पूर्व राज्यपाल के मुताबिक जब भाजपा यह कह कर अखिलेश यादव को घेर रही थी कि अखिलेश यादव घर में बैठ गया, वह कोविड से डर गया। उस वक्त अखिलेश यादव घर में बैठ कर चुनाव की रणनीति बना रहे थे।
अखिलेश यादव ने यह समझ लिया है कि सिर्फ MY यानी मुस्लिम-यादव समीकरण से जीत नहीं मिलेगी। अखिलेश ने इस बार अन्य पिछड़ी जातियों को जोड़ा है, जो मिलकर एक बड़ी संख्या है। पिछली बार भाजपा ने यही काम किया था। और अखिलेश यादव ने सिर्फ जातियों को ही नहीं जोड़ा। उन्होंने महिलाओं को जोड़ा, रोजगार की बात की, बिजली की बात की। नजीब जंग का दावा है कि चुनाव शुरू होने से ठीक पहले गैर यादव ओबीसी जातियों के अखिलेश यादव के साथ आने से पूरा गणित बदल गया है। यह पिछड़ा वर्ग ठाकुरवाद से चिढ़ा हुआ है। मुस्लिम वोटों पर पूर्व राज्यपाल का दावा है कि 80 फीसदी मुस्लिम वोट समाजवादी पार्टी को जा रहा है। मुस्लिम ओवैसी को वोट नहीं देने जा रहे हैं। ओवैसी वोटकटवा हैं।
उनका दावा है कि ब्राह्मण वोटों का बंटवारा होगा। जबकि ठाकुर वोट भाजपा के साथ मजबूती से खड़ा है। हालांकि यह नजीब जंग ने भी माना कि बसपा का परंपरागत वोटर बसपा के साथ मजबूती से खड़ा है। ऐसे में चाहे कोई दूसरा भले ही कुछ भी दावा करे, अगर बसपा के परंपरागत वोटों में भाजपा से छिटके ब्राह्मण वोटर और सपा से छिटके मुस्लिम वोटर मिल जाते हैं तो बसपा भी मजबूत ताकत बनकर सामने आ सकती है और सरकार को बनाने या बिगाड़ने में अहम रोल निभा सकती है।
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