आखिरकार पुलिस ने आदिवासी युवती पर सालों तक जुल्म ढाने वाली भाजपा की महिला नेता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आदिवासी समाज की युवती सुनीता खाखा का वीडियो सामने आने के बाद देश भर में भाजपा नेत्री सीमा पात्रा के खिलाफ गुस्सा था। सोशल मीडिया पर उसकी गिरफ्तारी को लेकर अभियान चल रहा था। इस दबाव के आगे आखिरकार प्रशासन को जुल्मी भाजपा नेता सीमा पात्रा को गिरफ्तार करना पड़ा।
रांची में बीजेपी नेता सीमा पात्रा पर आदिवासी महिला सुनीता खाखा से जीभ से फर्श साफ करवाने, पेशाब पिलाने और दांत तोड़ने का आरोप है। यह सिलसिला सालों चलता रहा। एक, दो नहीं पूरे आठ साल। सुनीता पात्रा आदिवासी महिला सुनीता को सूरज की रोशनी तक नहीं देखने देती थी।
जब जुल्म के इस दलदल से आठ सालों बाद सुनीता आजाद हुई तो सबकी आंखें उसे देखकर नम हो गई। लेकिन भाजपा के तमाम बड़े नेताओं के साथ तस्वीरें साझा करने वाली रिटायर्ड IAS महेश्वर पात्रा की पत्नी सीमा पात्रा पर जल्दी कोई हाथ डालने को तैयार नहीं था। हंगामे के बाद जुल्मी सीमा पात्रा की गिरफ्तारी तो हो गई है, लेकिन पुलिस और अदालत के सामने यह चुनौती है कि आदिवासी समाज की सुनीता खाखा ने आठ सालों तक जो जुल्म झेला है, उसकी आंखों में जो डर है, उसका हिसाब पुलिस और अदालत आरोपी जुल्मी सीमा पात्रा से कैसे वसूल करेगी, ताकि सुनीता को न्याय मिल सके।
ध्यान देना होगा कि जिस राजनीतिक दल ने एक आदिवासी समाज की महिला को भारतीय गणतंत्र के शीर्ष पद राष्ट्रपति के पद पर बैठाया, उसी की महिला नेता एक आदिवासी महिला को आठ सालों से बंधक बनाकर रखा था। मामला खुलने के बाद देश भर में हंगामा मचा, जिसके बाद महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह घटना यह भी बताती है कि भले ही राजनीतिक रूप से दलितों और आदिवासियों के चेहरे को इस्तेमाल करने का चलन बढ़ गया हो लेकिन समाज के भीतर इनको लेकर हो रहे अत्याचार में न कोई कमी आई है, और न ही इनके प्रति भेदभाव का मामला ही कम हो रहा है।
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