बरेली। चुनाव हारने पर एक भाजपा नेता इतना बौखला गया कि उसने काउंटिंग करवा रहे उप जिलाधिकारी के साथ न सिर्फ गाली गलौच की बल्कि हाथापाई भी की. घटना के बाद जिले के सभी अधिकारी एकजुट हो गए हैं और उन्होंने भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अधिकारियों के एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से जिलाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
मामला बरेली का है और घटना एक दिसंबर की है. नवाबगंज के उप जिलाधिकारी एवं निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कुमार बरेली में निकाय चुनाव की काउंटिंग करवा रहे थे. इस चुनाव में भाजपा जिलाध्यक्ष रविन्द्र सिंह राठौर के भाई नरेन्द्र सिंह राठौर की पत्नी प्रेमलता राठौर चुनाव लड़ रही थी. नतीजा आने पर प्रेमलता राठौर शहला ताहिर से चुनाव हार गई. हार की सूचना मिलते ही भाजपा जिलाध्यक्ष अपने समर्थकों के साथ जबरन मतगणना केंद्र में पहुंच गया और प्रेमलता राठौर के पक्ष में परिणाम घोषित करने का दबाव बनाने लगा. निर्वाचन अधिकारी राजेश कुमार के मना करने पर वह उनसे गाली गलौच और मारपीट करने लगा. हालांकि वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें बचा कर बाहर निकाला.
घटना के बाद उत्तर प्रदेश राज्य सिविल सेवा संघ ने इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है. लेकिन घटना के तकरीबन एक हफ्ते बाद भी मुख्यमंत्री या प्रमुख सचिव की ओर से अभी तक जिलाध्यक्ष पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है न ही कार्रवाई का आदेश आया है. ऐसे में जहां बरेली का प्रशासन दोनों भाईयों के आतंक से डरा हुआ है तो वहीं जिलाध्यक्ष सरकार का आदमी बनकर खुला घूम रहा है.
मामले का एक पहलू यह भी है कि उपजिलाधिकारी राजेश कुमार दलित समाज से ताल्लुक रखते हैं. लोगों का कहना है कि आरोपी यह कहते हुए भी घूम रहे हैं कि देखें एक दलित हमारा क्या बिगाड़ लेता है. फिलहाल बरेली के सारे अधिकारी काली पट्टी बांध कर काम कर रहे हैं. अधिकारियों के एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है लेकिन सीएम ऑफिस का कहना है कि मुख्यमंत्री व्यस्त हैं.
यहां एक अहम सवाल यह भी है कि जिस राज्य में सत्ताधारी पार्टी के एक अदने से जिलाध्यक्ष से जिले का पूरा प्रशासनिक अमला खौफ में है, उस राज्य में कानून की हालत क्या होगी? जिस राज्य में प्रशासनिक अधिकारी तक को न्याय नसीब नहीं है, वहां आम व्यक्ति के प्रति सरकार का रवैया क्या होगा?