धार। मध्यप्रदेश में भाजपा नेताओं ने शिवराज सिंह प्रशासन का विरोध कर पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है. भारतीय जनता पार्टी के कड़माल मंडल के पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. ये इस्तीफा उन्होंने मेधा पाटेकर को झूठे आरोप में फंसाए जाने के विरोध में दिया है.
मध्यप्रदेश सरकार के इस रवैए से नाराज भारतीय जनता पार्टी के मंडल कड़माल जिला धार के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष सहित 30 से अधिक कार्यकर्ताओं ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया. त्यागपत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि इस सरकार से हमारा भरोसा उठ गया है. जो सरकार अपने पुनर्वास के लिए लडाई लड़ रही महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करे, कार्यकर्ताओं तथा आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर को झूठे आरोपों में फंसाकर जेल में रखे और 32 साल के संघर्ष के बाद भी पुनर्वास करने की बजाय हिंसक प्रवृत्ति अपनाए, हम ऐसी पार्टी का हिस्सा नहीं रहना चाहते.
दरअसल, मेधा पाटेकर सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाए जाने के कारण मध्य प्रदेश के डूब प्रभावितों की लड़ाई लड़ रहीं हैं. लेकिन शिवराज प्रशासन नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर को झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेज दिया है. डूब प्रभावितों को पुनर्वास की बजाय प्रशासन उन्हें डरा धमका रहा है.
नर्मदा बचाओ आंदोलन के मुताबिक, मेधा पाटकर पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं. वह नौ दिन से धार की जेल में हैं. इसके अलावा भी कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. हजारों लोगों पर प्रकरण दर्ज किए गए हैं. बिना किसी अपराध के लोगों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है, अहिंसक लोगों पर हिंसा बरपाई जा रही है. हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं कि आंदोलन को कुचल दिया जाए.
आंदोलनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आमजन की आवाजों को दबाया जा रहा है, ताकि हर उस संघर्ष को खत्म किया जा सके जो सरकार के भ्रष्टाचार, अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण नीतियों को उजागर करने के लिए चल रहे हैं.

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