जयपुर। गोरक्षा के नाम पर गाय का धंधा करने और फिर मॉब लिंचिंग जैसी घटना करने वालों को लेकर भाजपा के एक सांसद ने बड़ा बयान दिया है. अलवर में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डाले गए अकबर ख़ान उर्फ रकबर मामले पर सीकर के भाजपा सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने आवाज उठाई है. उन्होंने कहा, ‘बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिन्होंने गोरक्षा के नाम पर धंधा शुरू कर दिया है. इन लोगों के गो-तस्करों से वसूली के लिए गिरोह बना रखे हैं. ऐसे लोगों की वजह से ही अलवर जैसी घटनाएं सामने आती हैं.’
जयपुर में भाजपा के स्थानीय कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि गोरक्षा की आड़ में धंधा करने वाले इन लोगों की वजह से सही में गोसेवा में लगे लोग और संत समाज बदनाम हो रहा है. उन्होंने फ़र्ज़ी गोरक्षकों के ख़िलाफ़ कठोर से कठोर कार्रवाई करने की मांग की. सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि तमाम गोशालाओं के संचालक मुझसे मिलते हैं. उनका कहना है कि हमारे जैसे लोग और साधू-संन्यासी तो निस्वार्थ भाव से गायों की सेवा करते हैं, लेकिन इस काम को धंधा बनाने वाले लोगों की वजह हमारी बदनामी हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि गोसेवा की आड़ में लोगों ने गिरोह बना लिए हैं. ये दिखावे के लिए गोसेवा करते हैं. असलियत में ये गायों की तस्करी करवाते हैं. इन लोगों के ख़िलाफ़ सरकार को सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए. अकबर ख़ान की हत्या के मामले पर उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. न्यायिक जांच भी हो रही है. ऐसे में मेरा कुछ बोलना उचित नहीं है. जिन्होंने भी अकबर को मारा है, उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए.’
एससी-एसटी से जुड़ा विवाद सुलझाने को पीएम मोदी खुद संभालेंगे मोर्चा
- दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करेंhttps://yt.orcsnet.com/#dalit-dast
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।