कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश के वंचितों को प्रतिनिधित्व देने को एक बड़ा मुद्दा बनाया हुआ है। हरियाणा में सरकार गठन के दौरान भाजपा भी इस दबाव में साफ दिखी। हरियाणा में भाजपा ने तीसरी बार सरकार बना ली है। नायब सिंह सैनी दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। उन्हें पंचकूला के दशहरा मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शपथ ली। सैनी के साथ 13 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। इस लिस्ट में जिन लोगों ने मंत्री के रूप में शपथ ली है, उससे साफ जाहिर है कि भाजपा ने इसमें सभी जातियों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है।
वर्गों के आधार पर देखें तो मंत्रिमंडल में दो जाट, दो ब्राह्मण, एक राजपूत, एक गुर्जर, दो वैश्य, दो दलित और दो यादव समाज के नेताओं को मंत्री बनाया गया है। मंत्रिमंडल में दो महिलाएं कैबिनेट मंत्री हैं। तो वहीं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुद ओबीसी समाज के हैं। दलित चेहरे के रूप में कृष्ण कुमार बेदी और कृष्ण लाल पंवार ने शपथ ली।
हरियाणा की जीत भाजपा के लिए कितनी महत्पूर्ण है, यह इसी से समझा जा सकता है कि शपथ ग्रहण समारोह में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहे। उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। तो इसी बहाने भाजपा ने एनडीए के रूप में भी अपनी ताकत दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ा। एनडीए गठबंधन से आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्राबाबू नायडू, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भूपेंद्र पटेल, ललन सिंह, चिराग पासवान मौजूद रहे।
साफ है कि हरियाणा में शपथ ग्रहण समारोह के जरिये भाजपा और एनडीए ने महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव का बिगुल भी फूंक दिया है। अब देखना होगा कि भाजपा ने जिस तरह तमाम जातियों को प्रतिनिधित्व दिया है, ऐसे में राहुल गांधी और कांग्रेस इसका जवाब कैसे देते हैं।
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