नई दिल्ली। दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में अम्बेडकरी साहित्य खूब बिक रहा है। इस दौरान बहुजन समाज के चिंतक और साहित्यकारों की नई-नई किताबें भी आ रही हैं। रविवार छह जनवरी को विश्व पुस्तक मेले में दो महत्वपूर्ण किताबों का विमोचन हुआ। एक किताब संत शिरोमणि रविदास जी पर थी तो दूसरी सहारनपुर के शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा और उसके बाद चर्चा में आए भीम आर्मी की पूरी कहानी बयां करती डॉ. एन. सिंह की पुस्तक ‘शब्बीरपुरः जलते घर- सुलगते सवाल’ है। पुस्तक मेले में दलित दस्तक के स्टॉल हॉल नंबर 12A के स्टॉल नंबर 331 पर इन दोनों महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन साहित्यकार जय प्रकाश कर्दम द्वारा हुआ।
दास पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक शब्बीरपुरः जलते घर-सुलगते सवाल का विमोचन जाने-माने साहित्यकार जयप्रकाश कर्दम, दलित दस्तक के संपादक अशोक दास, साहित्यकार-पत्रकार रूपचंद गौतम और लेखक डॉ. एन. सिंह ने किया। इस दौरान डॉ. एन. सिंह की पत्नी भी मौजूद रहीं। यह पुस्तक सहारनपुर में दलितों और सवर्ण राजपूतों के बीच हुए संघर्ष और उसके बाद भीम आर्मी की पूरी कहानी बयान करती है।
इस दिन दलित दस्तक के स्टॉल पर ही साहित्यकार एवं शिक्षाविद् डॉ. रामभरोसे और ममता खांडल द्वारा संपादित पुस्तक ‘संत रविदास: एक समाज सुधारक, चिंतक और दार्शनिक’ का विमोचन भी हुआ। विमोचन वरिष्ठ साहित्यकार जयप्रकाश कर्दम ने किया। इस दौरान दलित दस्तक के संपादक अशोक दास, लेखिका डॉ. पूजा राय, तेजस पुनिया, पुस्तक के प्रकाशक अनिता पब्लिशर के संतोष राय एवं डॉ. राम भरोसे के परिवारजन भी मौजूद रहें।
डॉ. पूजा राय पेशे से शिक्षिका हैं। स्त्री मुद्दों पर लगातार लेखन के जरिय सक्रिय हैं। उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘आधी आबादी का दर्द’ खासी लोकप्रिय हुई थी।
समाज की चेतना के प्रती लोगो को जाग्रत करती यह पुस्तक !