कौशांबी। यूपी में योगी सरकार के आने से सवर्णों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वो खुलेआम दलितों पर अत्याचार कर रहे हैं. केवल इतना ही नहीं पुलिस भी उनका साथ दे रही है. कोई सवर्णों की शिकायत करने जाता है तो पुलिस उसके साथ भी बदसलूकी करती है. डराती-धमकाती है. ऐसा ही एक मामला कौशांंबी से आया है.
यूपी के कौशांबी में एक सवर्ण ने दलित किशोर को बेहरमी से लाठी-डंडों से मार-मार कर मरणासन्न कर दिया. परिजन दलित किशोर को लेकर घटना की शिकायत करने पुलिस स्टेशन पहुंची. लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत नहीं लिखी और उन्हें थाने से भगा दिया. इस दौरान लगभग चार घंटे पीड़ित किशोर थाने में बिना इलाज के पड़ा रहा. पुलिस ने उसे अस्पताल भी नहीं भेजा.
पुलिस के दुर्व्यवहार से परेशान दलित परिवार किशोर को लेकर कौशांबी के एसपी दफ्तर पहुंचे. पीड़ित परिवार की आवाज सुनकर मंझनपुर के सीओ आए तो लेकिन मामले की जानकारी के बाद उल्टे पांव वापस लौट गए. लगभग आधा घंटा तक एसपी की चौखट पर दलित किशोर बेहोशी की हालत मे पड़ा रहा.
जब मीडिया के लोग मौके पर पहुंचे तब कहीं जाकर सीओ ने किशोर को जिला अस्पताल भेजवाया. इसके बाद भी पुलिस की संवेदनहीनता इस कदर कि किशोर की मां की शिकायत पर आरोपी दबंगों के खिलाफ मुक़दमा तक दर्ज नहीं किया. एसपी का कहना है कि मामले की जांच सिराथू के सीओ को सौंपी गई है.
दरअसल, घटना कोखराज थाना के कसिया पूरब गांव की है. 16 वर्षीय दलित उमेश कुमार अपने साथी संतोष के साथ साइकिल पर गेहूं लादकर आटा चक्की पर पिसवाने जा रहा था. पीड़ित के मुताबिक गांव के वीरेंद्र तिवारी के घर के सामने एक नाली में गेहूं की बोरी गिर गई. जब किशोर अपने साथी के सहयोग से गेहूं की बोरी उठाने लगा तो सवर्ण वीरेंद्र तिवारी ने जाति सूचक शब्दों के साथ गालियों का प्रयोग करते हुए कहा कि देखने मे हट्टे-कट्टे हो और एक बोरी नही संभलती. इस पर किशोर ने कहा गेहू की बोरी हमारी गिरी है और आप क्यों हमे गाली दे रहे हो. इतनी सी बात में जातिवादी गुंडे ने किशोर को लाठी से पीट-पीट कर मरणाशन हालत में कर दिया.
शोरगुल सुन जब परिवार के लोग बीच बचाव में आये तो उन्हें भी पीटने के लिए दौड़ा लिया. दलित परिवार जातिवादी गुंडे की गुंडागर्दी से पूरी तरह से भयभीत हो गया और यूपी-100 पुलिस को सूचना दी. जब मौके पर यूपी-100 पुलिस पहुंची तो परिजन किशोर को मरणासन्न हालत में लेकर कोखराज थाने पहुंचे. चार घंटे तक युवक थाने में मरणाशान हालत में पड़ा रहा, लेकिन कोखराज पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस नहीं दर्ज किया.
पुलिस परिजनों पर लगातार समझौते का दबाव बनाती रही. पुलिस अघीक्षक के दफ्तर के बाहर किशोर को रख कर उसकी दुखियारी मां रोते बिलखते एसपी से से न्याय की गुहार लगाती रही. दफ्तर में बैठे एसपी अशोक पांडेय पीड़ित का हाल जानने एक बार भी बाहर नही निकले. मीडिया के दखल के बाद एसपी ने सीओ सदर को मौके पर भेज एम्बुलेंस से जिला अस्पताल में भर्ती कराया. वहीं इस गंभीर मामले में मीडिया के सवाल के बाद जाकर कौशांबी के पुलिस अधीक्षक ने सीओ सिराथू को जांच सौपा. सब कुछ आंखों के सामने आ जाने के बाद भी एसपी का कहना है की जांच के बाद मुक़दमा दर्ज किया जाएगा.

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