Saturday, February 22, 2025
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राहुल गांधी के आरोपों पर बसपा सुप्रीमों का करारा जवाब

देखना होगा कि इस आर-पार की लड़ाई में दलित वोटों को अपने पाले में खिंचने की कोशिश में कांग्रेस सफल होती है या नहीं। कहीं ऐसा न हो कि बसपा और उसकी राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती पर सीधा हमला बोलने के कारण कांग्रेस का दांव उल्टा न पर जाए।  

अब तक बसपा पर सीधा हमला करने से बचने वाली कांग्रेस पार्टी अब खुलकर बसपा के खिलाफ उतर गई है। कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने रायबरेली यात्रा के दौरान यह कह कर सीधे बसपा प्रमुख मायावती पर निशाना साधा कि आखिर बसपा पर ठीक से चुनाव क्यों नहीं लड़ती है? राहुल गांधी के इस आरोप के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने भी राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर पटलवार किया है।

राहुल गांधी के सवाल उठाने के दूसरे ही दिन बहनजी ने राहुल गांधी को नसीहत दे डाली और कांग्रेस को भाजपा की बी टीम कह कर नई बहस शुरू कर दी है। बहनजी ने सोशल मीडिया एक्स पर किये अपने पोस्ट में दिल्ली चुनाव का हवाला देते हुए कहा न सिर्फ कांग्रेस पर सवाल उठाया बल्कि राहुल गांधी को भी आईना दिखाया। उन्होंने लिखा-

कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी की B टीम बनकर चुनाव लड़ा, यह आम चर्चा है, जिसके कारण यहाँ बीजेपी सत्ता में आ गई है। वरना इस चुनाव में कांग्रेस का इतना बुरा हाल नहीं होता कि यह पार्टी अपने ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत भी न बचा पाए। अतः इस पार्टी के सर्वेसर्वा श्री राहुल गांधी को सलाह है कि किसी भी मामले में दूसरों पर व ख़ासकर बीएसपी की प्रमुख पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में भी जरूर झांक कर देखना चाहिए। उनके लिए यह बेहतर होगा।

 

इससे पहले बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ने के लिए बसपा पर सवाल उठाने वाले राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा था कि बीएसपी ने यूपी व अन्य राज्यों में जब भी कांग्रेस जैसी जातिवादी पार्टियों के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा है तब हमारा बेस वोट उन्हें ट्रांस्फर हुआ है लेकिन वे पार्टियाँ अपना बेस वोट बीएसपी को ट्रांस्फर नहीं करा पायी हैं। ऐसे में बीएसपी को हमेशा घाटे में ही रहना पड़ा है।

साफ है कि सामाजिक न्याय के एजेंडे पर कांग्रेस बसपा पर हमलावर है, तो बसपा ने भी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। देखना होगा कि इस आर-पार की लड़ाई में दलित वोटों को अपने पाले में खिंचने की कोशिश में कांग्रेस सफल होती है या नहीं। कहीं ऐसा न हो कि बसपा और उसकी राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती पर सीधा हमला बोलने के कारण कांग्रेस का दांव उल्टा न पर जाए।

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