बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व कैबिनेट मंत्री तथा अकबरपुर से बसपा विधायक रामअचल राजभर ने राजभर समाज की पीड़ित मनीषा को इंसाफ दिलाने के लिए खड़े हुए हैं। विगत 2 फरवरी को रामअचल राजभर पीड़िता मनीषा राजभर को देखने बीएचयू ट्रामा सेंटर पहुंचे। उन्होंने मनीषा को न्याय दिलाने के लिए उसके माता-पिता को आश्वस्त किया, साथ ही आर्थिक सहयोग के रूप में एक लाख रुपये का सहयोग भी दिया।
पूर्व कैबिनेट मंत्री ने उच्च अधिकारियों से इस बारे में बात की और पीड़िता को न्याय दिलाने की अपील की। अपने समर्थकों में मंत्रीजी के रूप में लोकप्रिय रामअचल राजभर के सथ बीएचयू ट्रामा सेंटर में गाजीपुर से पूर्व राज्य मंत्री रमाशंकर राजभर, संजय राजभर, हर्ष राजभर (पूर्व महानगर अध्यक्ष वाराणसी मंडल सेक्टर प्रभारी) तथा प्रदीप गौतम जिला अध्यक्ष चंदौली आदि समर्थक मौजूद थे।
रामअचल राजभर के वाराणसी पहुंचने से जहां उनके समर्थकों में भारी उत्साह था, तो वहीं राजभर समाज सहित तमाम वंचित समाज के लोगों ने उनके इस कदम की सराहना की। पूर्व मंत्री के इस दौरे से स्थानीय प्रशासन ने मजबूर होकर अभियुक्त के खिलाफ पास्को एक्ट की धारा भी जोड़ दिया ।
गौरतलब है कि मनीषा राजभर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की बेटी है, जिनके साथ कुछ सामंती लोगों ने मारपीट की और गलत नियत के कारण रंजीश के कारण उस पर धारदार हथियार से हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया था, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई थी। जिससे मिलने बसपा के राष्ट्रीय महासचिव रामअचल राजभर पहुंचे थे। पीड़िता के परिवार ने इस आर्थिक मदद के लिए रामअचल राजभर का आभार जताया।बताते चलें की रामअचल राजभर बहुजन समाज के उन चंद नेताओं में हैं, जो वंचित समाज की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इसी वजह से उनकी छवि एक लोकप्रिय नेता की है। यही वजह रही कि यूपी के विगत विधानसभा चुनाव में बसपा के खराब प्रदर्शन के बावजूद रामअचल राजभर भारी अंतर से जितने में कामयाब रहें। उन्होंने न सिर्फ खुद की जीत दर्ज की, बल्कि अंबेडकर नगर में बसपा का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा। उनकी छवि एक जनप्रिय नेता की है। जो हर दुख में वंचित समाज के साथ ही अपने क्षेत्र के सर्वसमाज के लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
![dalit dastak](https://www.dalitdastak.com/wp-content/uploads/2020/12/DD-logo.jpg)
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।