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अलीगढ़। अलीगढ़ और आस-पास के क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी के पुराने ब्राह्मण चेहरे रामवीर उपाध्याय और बसपा के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. सुगबुगाहट है कि आने वाले दिनों में उपाध्याय बसपा से अलग राह चुन सकते हैं. दरअसल यह कयास उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय द्वारा फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट छोड़ने के कारण किया जा रहा है.
सीमा उपाध्याय को बसपा ने फतेहपुर सीकरी से टिकट दिया था. लेकिन चुनाव घोषित होने के बाद ऐन मौके पर उन्होंने आगरा के फतेहपुर सीकरी सीट छोड़ दी है. सीमा उपाध्याय 2009 में इसी सीट से बसपा के टिकट पर सांसद भी चुनी गई थी. 2014 में वह भाजपा प्रत्याशी चौधरी बाबूलाल से हार गई थीं. इस बार फिर बसपा ने उन्हें इसी सीट से टिकट दिया था, लेकिन उनका कहना है कि इस सीट पर चुनावी समीकरण और स्थितियां हमारे अनुकूल नहीं हैं. उन्होंने बसपा अध्यक्ष मायावती से अलीगढ़ सीट से चुनाव लड़ने की मांग की थी, लेकिन पार्टी सुप्रीमो ने इंकार कर दिया।
बसपा सूत्रों के मुताबिक बीते हफ्ते सीम उपाध्याय ने बसपा अध्यक्ष से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने अलीगढ़ की मांग की थी और सीकरी को कमजोर सीट बताया था. इस पर पार्टी नेतृत्व ने फटकारते हुए कहा कि अलीगढ़ में पार्टी प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं और सीकरी अगर कमजोर लगती है तो चुनाव न लड़ें.
हालांकि सीमा और उनके पति रामबीर उपाध्याय का कहना है कि वो बसपा में बने रहेंगे, लेकिन शहर में दूसरी ही चर्चा चल रही है. चर्चा यह है कि सीमा उपाध्याय फतेहपुर सीकरी से ही भाजपा से टिकट के जुगाड़ में हैं. अगर ऐसा होता है तो यह बसपा के लिए झटका होगा. यह भी साफ है कि सीमा उपाध्याय ने जो भी कदम उठाया है उसमें उनके पति रामबीर उपाध्याय की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. यह भी बताते चलें कि रामबीर उपाध्याय के भाई मुकुल उपाध्याय ने भी पिछले दिनों बसपा से निकाले जाने के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे. हालांकि दोनों भाईयों में मनमुटाव जगजाहिर है. बहरहाल राजनीति फायदे का खेल बन गया है कौन कब किसका दामन थाम ले, कोई नहीं कह सकता.
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