राज्यसभा से इस्तीफे के बाद देशव्यापी महासम्मेलन शुरू करने जा रहीं बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती खासे उत्साह में हैं. महासम्मेलन का आगाज मायावती पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े शहर मेरठ में 18 सितंबर को करेंगी. अपने इस पहले महासम्मेलन में मायावती नीला सैलाब चाहती हैं. पहली ही रैली में मायावती और बहुजन समाज पार्टी विरोधी दलों को करारा जवाब देने के मूड में हैं.
भीड़ जुटाकर बीएसपी का मकसद विरोधी दलों को बसपा की ताकत का अहसास कराने के साथ खिसकते जानाधार की बात करने वालों को मुहतोड़ जवाब देना भी है. बसपा इसके लिए पूरी तरह तैयार भी है. कार्यक्रम घोषित होने के बाद से ही मेरठ और तमाम अन्य मंडलों के पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता दिन रात तैयारियों में जुट गए हैं. मेरठ रैली में मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल की 70 विधानसभा सीटों पर फोकस करते हुए रैली होगी.
बीएसपी का मकसद है कि इस रैली में जहां दलित उत्पीड़न के विरोध में इस समाज की भागीदारी बढ़े, वहीं दलित-मुस्लिम एकता का संदेश देने के लिए अल्पसंख्यकों की भी बड़ी मौजूदगी जरूर हो. ऐसा कर मायावती यह संदेश देना चाहती हैं कि बीएसपी के साथ इन तीनों वर्ग के लोग हैं.
कार्यक्रम की पूरी तैयारी हो चुकी है. तीन मंडलों के कार्यकर्ताओं को बैठाने के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है. मेरठ, सहानरपुर और मुरादाबाद मंडल के वर्करों के बैठने के लिए तीन अलग-अलग ब्लॉक बनाए जा रहे हैं, ताकि साफ हो सके कि कहां से कितने कार्यकर्ता पहुंचे हैं.

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