लखनऊ। भाजपा की ओर से लगातार जातिवाद, आरक्षण व आपातकाल पर टिप्पणी हो रही है. इसको लेकर मंगलवार को मायावती ने कहा कि मोदी सरकार को अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है. इस सरकार के चार साल में ही देश में कई बार आपातकाल की स्थिति ला दी. इतना ही नहीं देश को जातिवाद व धर्म के नाम पर तोड़ दिया है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारों पर घोर ग़रीब, मज़दूर, किसान, दलित व पिछड़ा वर्ग-विरोधी होने का आरोप लगाते हुये कहा कि इनकी सरकारों में इन वर्गों का जिस प्रकार से भयंकर शोषण, उत्पीड़न व अन्याय लगातार होता चला आ रहा है उसके बाद इन वर्गों के हित व कल्याण के बारे में इनको बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है. बीजेपी के नेताओं को इन वर्गों के बारे में कोई भी बात करने के पहले अपने गिरेबान में झाँक कर जरूर देखना चाहिये. भाजपा का रिकार्ड कितना ज्यादा जातिवादी व दाग़दार है.
अपरकास्ट के लिए आरक्षण की मांग
आरक्षण के मुद्दे को लेकर मायावती ने कहा कि बीएसपी अपरकास्ट समाज व धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग के ग़रीबों को भी आरक्षण की सुविधा देने की पक्षधर है. इसके लिये संविधान में उचित संशोधन करने की माँग को लेकर संसद के भीतर व संसद के बाहर लगातार संघर्ष करती रही है. देश के करोड़ों ग़रीबों को उनको सम्मानपूर्वक जीने का संवैधानिक हक देने में सरकारों को ना तो दकियानूसी करनी चाहिये और ना ही कंजूसी क्योंकि इनके सही हित व कल्याण के बिना भारत का भला कभी भी नहीं हो सकता है. इसके लिए बीजेपी की सरकारें बुरी तरह से विफल साबित हो रही हैं.
इसी क्रम में लगभग 42 वर्ष पहले कांग्रेस पार्टी द्वारा देश में थोपी गई ’’राजनीतिक इमर्जेंसी’’ की याद बार-बार ताज़़ा की जाती है जबकि पूरा देश पहले इनके ’’नोटबन्दी की आर्थिक इमरजेन्सी’’ की जबर्दस्त मार झेलने के साथ ही पिछले चार वर्षों से हर मामले में ’’अघोषित इमरजेन्सी’’ जैसा माहौल हर स्तर पर लोगों को झेलना पड़ रहा है. इससे हर समाज, हर वर्ग व हर व्यवसाय के लोग त्रस्त महसूस कर रहे हैं.
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