अगले साल 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा ने नया फार्मूला तैयार किया है। ऐसी चर्चा है कि बसपा प्रमुख मायावती इस बार पिछले चुनावों से अलग फार्मूला तैयार कर रही हैं। इस नए फार्मूले में मुख्य सेक्टर प्रभारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होने की बात कही जा रही है। टिकट बंटवारे को लेकर एक सूचना यह भी सामने आ रही है कि पार्टी प्रदेश चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने से पहले ही टिकटों का ऐलान कर सकती है।
दरअसल आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर जिस नए फार्मूले की बात कही जा रही है, उसके मुताबिक बसपा ने इस बार टिकट बंटवारे को लेकर जिला कोऑर्डिनेटर के बजाय मुख्य सेक्टर प्रभारियों से नामों का पैनल मांगेगी। इसी के आधार पर ही पार्टी टिकट का बंटवारा करेगी। खबर यह भी है कि बहनजी अपनी चुनावी रणनीति के तहत ब्राह्मणों और ओबीसी के उम्मीदवारों को टिकट बंटवारे में प्राथमिकता देगी। ब्राह्मणों पर दांव लगाने का कारण यह है कि पार्टी का मानना है कि ब्राह्मण समाज योगी आदित्यनाथ की सरकार से नाराज है। चर्चा है कि चुनाव मैदान में ज्यादा से ज्यादा युवा उम्मीदवारों को मौका दिया गया है। साफ है कि बहुजन समाज पार्टी और उसकी मुखिया बहन मायावती प्रदेश में 2022 के विधान सभा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
इस पूरे घटनाक्रम में चुनावी अधिसूचना से पहले ही टिकटों का बंटवारा करने की रणनीति की बात करें तो अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर बसपा के उम्मीदवारों को चुनाव की तैयारी करने के लिए ज्यादा वक्त मिल जाएगा। ऐसी स्थिति में इस बार बसपा सितंबर-अक्टूबर में पार्टियों के उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर सकती है। लेकिन इसका एक दूसरा पहलू यह भी है कि बसपा द्वारा जल्दी अपना पता खोलने के कारण अन्य दलों को अपनी रणनीति बनाने में मदद मिल सकती है।
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