राजीव गांधी ने बसपा को बदनाम व कमजोर करने के लिए मान्यवर कांशीराम जी को सीआईए का एजेंट तक बता दिया था। और अब उनके ही पदचिन्हों पर चलकर उनके बेटे राहुल गांधी भी गलतबयानी कर रहे हैं। ये बातें बसपा प्रमुख मायावती ने अपने बयान में कही हैं।
बसपा प्रमुख का यह बयान कल राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों के जवाब के रूप में सामने आया है। बसपा प्रमुख ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आए दिन, बीजेपी के साथ मिलने का यह कहकर गलत आरोप लगाते रहते हैं कि बसपा की मुखिया बीजेपी की सीबीआई, ईडी व इनकम टैक्स आदि से डरती हैं। इसलिए वह बीजेपी के खिलाफ काफी नरम रहती हैं। इसमें रत्ती भर भी सच्चाई नही है ,जबकि इनको यह मालूम होना चाहिये कि इन सब से जुड़े मामले हमने केंद्र में रही किसी भी पार्टी की सरकार की मदद से नही, बल्कि सभी सरकारों के खिलाफ जाकर माननीय सुप्रीम कोर्ट में जीते हैं।
बसपा प्रमुख ने कहा कि राहुल गांधी बयानों से कांग्रेस पार्टी की विशेषकर दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गां के साथ-साथ बसपा के प्रति भी हीन व जातिवादी मानसिकता तथा द्वेष की भावना भी साफ झलकती है। उन्होंने कहा कि यूपी विधानसभा आम चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन करने व मुझे सीएम बनाने के ऑफर पर मैंने उन्हें न कोई जवाब दिया और ना ही इस बारे में उनसे कोई बात की, यह बात पूर्णतयाः तथ्यहीन है। राहुल गांधी के बयान में बसपा के प्रति जबरदस्त बौखलाहट व नफरत नज़र आती है।
इतिहास का उल्लेख करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के साथ भी राजनीतिक षड्यंत्र किया और विश्वासघात किया। अब उनके मार्ग पर चलनेवाली पार्टी बसपा के साथ भी कांग्रेस वही कर रही है। इससे साफ है कि कांग्रेस भरोसे के लायक नहीं है।
आगे बसपा प्रमुख ने कहा है कि बीजेपी के विरूद्ध राजनीतिक लड़ाई लड़ने में कांग्रेस का अपना रिकार्ड हमेशा ही काफी लचर व ढुलमुल ही रहा है। कांग्रेस पार्टी सत्ता में रहते हुए व सत्ता से बाहर हो जाने के लम्बे समय बाद अब तक बीजेपी व आरएसएस एण्ड कम्पनी से जी-जान से लड़ते हुए कहीं भी नहीं दिखती है, जबकि बीजेपी एण्ड कम्पनी साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डे अपनाकर भारत को कांग्रेस-मुक्त ही नहीं बल्कि विपक्ष-विहीन बनाकर पंचायत से संसद तक चीन जैसा ही एक पार्टी का सिस्टम बनाकर देश के लोकतंत्र व इसके संविधान को ही खत्म करने पर आतुर है।
बसपा प्रमुख ने सवाल पूछते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पिछला यूपी विधान सभा का चुनाव समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ मिलकर लड़ा था तब यह पार्टी यहां बीजेपी को सत्ता में आने से नहीं रोक पाई थी, ऐसा क्यों हुआ था? इसका भी जवाब जनता को इनको ज़रूर देना चाहिये। कांग्रेस हो या अन्य कोई भी पार्टी हो इनको दूसरी पार्टियों पर कुछ भी कहने से पहले खुद भी अपने गिरेबान में ज़रूर झांककर देख लेना चाहिए।
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