लखनऊ। इसमें कोई शक नहीं कि बसपा सुप्रीमो मायावती बहुजन समाज की दिगग्ज नेता हैं. दलित मुद्दों को लेकर हमेशा लड़ती हैं लेकिन अब मौजूदा भारत की दर्दनाक तस्वीर देखकर अपरकास्ट आरक्षण का मुद्दा भी उठाया है. मायावती अपरकास्ट लोगों के विकास के लिए खुलकर सामने आई हैं. बीजेपी को घेरते हुए कहा कि मैं संसद से लेकर बाहर तक अपरकास्ट आरक्षण की मांग कर रही हूं लेकिन बीजेपी सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही. इस बयान के बाद मायावती का नया चेहरा देखने को मिला है.
भाजपा की ओर से लगातार जातिवाद, आरक्षण व आपातकाल पर टिप्पणी हो रही है जिसका कोई बुनियाद नहीं है. इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी सरकार को घेर लिया है. बीजेपी इस मुद्दे पर ऐसी घिरी है कि कोई जवाब नहीं सूझ रहा है.
अपरकास्ट आरक्षण पर मायावती ने कहा कि ऊंचे समुदाय के गरीब लोगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए. इसके लिए मौजूदा सरकार को जरूरी संसोधन करना चाहिए. भाजपा सरकार यदि गरीबों का भला चाहती है तो फिर इसमें जरूरी संसोधन से कतरा क्यों रही है. भाजपा केवल बिजनेसमैन का भला चाहती है. केवल अंबानी-टाटा-बिरला जैसों का विकास करना चाहती है.
इससे भाजपा का दोहरा चेहरा दिख रहा है. अब मोदी के मंत्रियों को आरक्षण व जन कल्याण के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है. अंत में मायावती ने कहा कि फिर भी देश के करोड़ों ग़रीबों को उनको सम्मानपूर्वक जीने का संवैधानिक हक देने में मौजूदा सरकार को ना तो दकियानूसी करनी चाहिये और ना ही कंजूसी, क्योंकि इनके हित व कल्याण के बिना भारत का भला कभी नहीं हो सकता है. लेकिन क्या भाजपा ऐसा कर पाएगी? बहनजी के इस बयान के बाद खूब वाहवाही हो रही है. इससे पता चलता है कि वह ना केवल दलित बल्कि भारत के हर गरीब व्यक्ति का विकास चाहती हैं.
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