
नई दिल्ली। बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से हटा दिया है. बसपा प्रमुख ने यह निर्णय 26 मई को लखनऊ में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया. बैठक के दौरान पार्टी के संविधान में कुछ संशोधन करते हुए संगठन में कई अहम बदलाव किए गए. इसके मुताबिक पार्टी अध्यक्ष के परिवार का कोई भी सदस्य संगठन में किसी भी स्तर पर कोई पद नहीं लेगा.
बसपा प्रमुख ने इस ऐलान के बाद खुद अपने भाई आनंद कुमार को भी BSP के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया. इस दौरान बसपा अध्यक्ष ने ये भी ऐलान किया कि उनके बाद जो भी पार्टी का अध्यक्ष बनेगा उसके परिवार के किसी भी नज़दीकी को ना तो कोई चुनाव लड़ाया जाएगा और ना ही उसे राज्यसभा सांसद, MLC और मंत्री बनाया जाएगा.
इसके अलावा अंदर की खबर यह भी है कि भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद पार्टी के भीतर भी कई स्तरों पर इसकी निंदा हो रही थी. पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी इसको लेकर गलत संदेश गया था. चूंकि आनंद कुमार पार्टी के भीतर राजनैतिक तौर पर सक्रिय नहीं थे, इस वजह से उनके अचानक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनने की स्थिति में कई बड़े नेता भी खुद को ठगा महसूस कर रहे थे. लेकिन बसपा अध्यक्ष के प्रति सम्मान को लेकर किसी भी नेता ने इस विषय पर सार्वजनिक तौर पर अपना कोई विरोध दर्ज नहीं कराया.
तो वहीं दूसरी ओर यह भी सूचना है कि आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने के बाद खुद बसपा प्रमुख के परिवार में भी कुछ लोग राजनीति में सक्रिय होना चाहते थे. ऐसे में पार्टी के भीतर के विरोध और परिवार से दबाव के कारण बसपा अध्यक्ष ने अपने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से हटा दिया.
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