बहुजन समाज पार्टी इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकती है। इसको लेकर इंडिया गठबंधन के गुटों द्वारा बहनजी से संपर्क साधा गया है। खबर है कि बहनजी ने भी इसको लेकर साकारात्मक संकेत दिया है, लेकिन साथ ही गठबंधन में शामिल होने को लेकर अपनी एक शर्त रख दी है। अब 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक में इस पर चर्चा होने की खबर आ रही है। अगर इंडिया गठबंधन के लोग बसपा की इस मांग को पूरा करने को तैयार हो जाएंगे, तो बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती गठबंधन में शामिल होने को लेकर अपनी मुहर लगा देंगी।
दरअसल तमाम दल और मीडिया बसपा को चाहे जितना भी कमजोर बताए, विपक्षी दलों से लेकर भाजपा तक को पता है कि उत्तर प्रदेश में बसपा अब भी एक बड़ी ताकत है। विपक्ष को पता है कि अगर इंडिया गठबंधन में बसपा के 20-22 प्रतिशत परंपरागत वोट शामिल हो जाते हैं तो उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को कमजोर किया जा सकता है। और विपक्षी दल उलट फेर करने में कामयाब हो सकते हैं। वहीं दूसरी ओर बसपा के समर्थक देश के हर जिले में है। यूपी के अलावा मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार आदि करीब दर्जन भर राज्य ऐसे हैं जहां बसपा ने अपनी ताकत दिखाई है। इंडिया गठबंधन को इसका फायदा भी मिलेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इंडिया गठबंधन की ओर से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने मायावती से बात की है, इसी दौरान मायावती ने पार्टी का रुख उनके सामने रखा और अपनी डिमांड भी बता दी है। दरअसल बहनजी उत्तर प्रदेश में बसपा के लिए 40 सीटें चाहती हैं। अगर इंडिया गठबंधन बसपा को 40 सीटें देने के लिए तैयार हो जाता है, तो बसपा गठबंधन में आ सकती है।
हालांकि बहनजी कई मौकों पर किसी भी पार्टी से गठबंधन की संभवना से इंकार कर चुकी है, लेकिन देश में 2024 लोकसभा चुनाव के पहले जिस इंडिया और एनडीए के बीच की लड़ाई तेज हो गई है, उससे खासकर उत्तर भारत के राजनीतिक दलों का बचना मुश्किल लग रहा है। बहुजन समाज पार्टी के भीतर से भी तमाम नेता गठबंधन के पक्ष में है। ऐसे में पार्टी को एकजुट रखने और नेताओं को साथ रखने के लिए बसपा प्रमुख मायावती पर भी अंदरुनी दबाव बढ़ता जा रहा है। लेकिन बसपा अपनी ताकत जानती है, बहनजी ने इशारा कर दिया है कि वह गठबंधन में आ तो सकती हैं, लेकिन अपनी शर्तों पर। अब देखना होगा कि मुंबई में 31 अगस्त और एक सितंबर को होने वाली बैठक में क्या फैसला होता है। अगर बहुजन समाज पार्टी इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाती है तो निश्चित तौर पर गठबंधन को इसका फायदा देश भर में होगा।

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।