मुजफ्फरनगर। योगी राज में दलितों का शोषण बढ़ता ही जा रहा है. इस बात का अंदाजा आप इस बात से भी लगाया सकता है मुजफ्फरनगर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दलित शिक्षकों का वेतन मनमाने तरीके से रोक दिया है.
दरअसल, मुजफ्फरनगर के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे 211 दलित शिक्षकों का मासिक वेतन गलत तरीके से रोक दिया गया है. यह दलित समुदाय के उत्पीड़न की बहुत बड़ी घटना है. इतना ही नहीं, वेतन रोकने के साथ-साथ मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अनुसूचित जाति के शिक्षकों को जातिसूचक अपशब्द भी कहे. जब दलित शिक्षक अपनी बात रख रहे थे तो शिक्षा अधिकारी उन्हें कहा, “अब मुझे नीच जाति के लोगों की भी बात सुननी पड़ेगी”. अनुसूचित जाति के शिक्षकों ने शिक्षा अधिकारी की इस बात को घोर जातिवादी और संकीर्ण मानसिकता वाला बताया.
दलित शिक्षकों और मुजफ्फरनगर की एससी/एसटी बेसिक टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन की शाखा ने कहा है कि मुजफ्फनगर शिक्षा अधिकारी द्वारा अनुसूचित जाति के शिक्षकों का मानसिक और जातीय उत्पीड़न किया जा रहा है. हम इसकी निंदा करते है.
दलित शिक्षक और एसोसिएशन इस मामले में 28 अगस्त 2017 को लखनऊ में बेसिक शिक्षा निदेशक से मुलाकात कर ज्ञापन देगा. साथ ही यह भी मांग की जाएगी कि दलित विरोधी मानसिकता वाले बेसिक शिक्षा अधिकारी को तत्काल निलंबित कर जेल भेजा जाए.
एसोसिएशन ने कहा है कि अगर निदेशक हमारी मांग नहीं मानते है तो हम लोग एक बड़ा आंदोलन करेंगे.
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