
नई दिल्ली। कर्नाटक विधान सभा में मायावती ने बीजेपी के सर से ताज छिन लिया था, ठीक वैसे ही कैराना व नूरपुर में सपा-बसपा और रालोद ने भाजपा को मात दे दिया है. गोरखपुर व फुलपुर उप चुनाव में सीट गंवाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैराना व नूरपुर सीट भी गंवा दिया है. यूपी में एकजुट विपक्ष ने साफ कर दिया है कि भाजपा चाहे जितना जोड़ लगा ले 2019 में उसका सत्ता में आना मुश्किल है.
31 मई को महागठबंधन की ओर से सबसे पहली जीत समाजवादी सपा प्रत्याशी नईमुल हसन ने हासिल की. नूरपुर की सीट पर सपा ने 6 हजार वोटों से जीत ली. नूरपुर की सीट पर इससे पहले बीजेपी का कब्जा था जिसको भाजपा ने गंवा दिया है. तो वहीं कैराना में आरएलडी प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने भी भाजपा प्रत्याशी को पटखनी दे दी हैं.
इससे पहले कर्नाटक में सीएम कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में सभी विपक्षी नेताओं ने एकजुट हो कर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोला था. इस दौरान सोनिया गांधी मायावती का हाथ मंच पर थामे रही जिससे साफ दिख रहा था कि आने वाले इलेक्शन में महागठबंधन अहम रोल अदा करेगी.
तो वही कैराना व नूरपुर में दलित वोट होने के बावजूद भी मायावती ने चुनाव प्रचार नहीं किया बल्कि कैराना में लोकदल प्रत्याशी तबस्सुम हसन को समर्थन देने की बात कही थी. इन दोनों क्षेत्रों में सीएम योगी सहित तमाम मंत्री डटे रहे लेकिन विपक्षी एकता के कारण सबको मुंह की खानी पड़ी.
अन्य राज्यों के हाल
उपचुनावों में खास बात ये रही कि भाजपा केवल यूपी में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी हारी है. महाराष्ट्र के पलूस कडेगांव की सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी विश्वजीत कदम जीते हैं. इस सीट पर भाजपा ने कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ संग्राम सिंह देशमुख को उतारा था लेकिन आखिरी समय पर उन्होंने नामांकन वापस ले लिया था. लेकिन महाराष्ट्र में पालघर सीट पर बीजेपी की ओर से गावित राजेंद्र ने जीत दर्ज की है. तो वहीं महाराष्ट्र के भंडारा-गोदिया से एनसीपी के उम्मीदवार मधुकर कुकड़े ने सीट जीत ली. केरल के चंग्गनूर में सीपीएम उम्मीदवार सजी चेरियन ने जीत हासिल की. बिहार में जोकीहाट में विधानसभा उपचुनाव में राजद ने जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार को हराया. जोकीकाट में राजद ने 41224 वोटों से जीत दर्ज की.
ध्यान दें कि 28 मई को बिहार, झारखंड, केरल, मेघालय, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की कुल मिलाकर 04 लोकसभा व 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोट डाले गए थे. उप चुनाव सीटों पर विपक्षी दलों ने बीजेपी को पटखनी देकर शानदार वापसी की है. इससे 2019 में बीजेपी की मुश्किल बढ़ती दिख रही है. इस जीत ने विपक्षी दलों को जहां हौंसला दे दिया है तो भाजपा की चुनौती को दोहरा कर दिया है.
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