देश में एक देश एक चुनाव को आज 18 सितंबर को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई। वन नेशन वन इलेक्शन के लिए एक कमेटी बनाई गई थी जिसके चेयरमैन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद थे। इस समिति ने 191 दिनों के रिसर्च और तमाम बैठकों के बाद 14 मार्च 2024 को 18,626 पेज वाली अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी थी।
इस रिपोर्ट में जो सुझाव दिये गए हैं उसके मुताबिक लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का जिक्र है। साथ ही लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव को एक साथ होने के बाद 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव भी हो जाने चाहिए। इससे निश्चित टाइम फ्रेम में सभी स्तर के चुनाव संपन्न कराए जा सकेंगे। खबर है कि केंद्र सरकार इसे शीतकालीन सत्र में संसद में लाएगी। हालांकि, ये संविधान संशोधन वाला बिल है और इसके लिए राज्यों की सहमति भी जरूरी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा लगातार वन नेशन – वन इलेक्शन की वकालत करती रही है। अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान सरकार ने समिति का गठन 2 सितंबर 2023 को हुआ था। इस पर फैसला लेने से पहले स्वीडन, बेल्जियम, जर्मनी, जापान, फिलीपींस, इंडोनेशिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों की स्टडी की गई। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति में 8 सदस्य थे। इसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, एक वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे, तीन नेता जिसमें भाजपा नेता और गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, डीपीए पार्टी गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल हैं।
तीसरी बार शपथ लेने के बाद स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का जिक्र किया था। उन्होंने जोर देकर कहा था कि लगातार चुनाव देश के विकास को धीमा कर रहे थे।
कमिटी की सिफारिशें-
- पहले चरण में लोकसभा के साथ सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव हों।
- दूसरे फेज में 100 दिनों के भीतर लोकल बॉडी के इलेक्शन कराए जा सकते हैं
- पूरे देश मे सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची होनी चाहि
- सभी के लिए वोटर आई कार्ड भी एक ही जैसा होना चाहिए।
- सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए।
- हंग असेंबली (किसी को बहुमत नहीं), नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।
- पैनल ने एक साथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है।
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