नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर घूमती एक तस्वीर ने राजनीति में भीतर तक घुसे जातिवाद का घिनौना चेहरा सामने ला दिया है. तस्वीर सामने आने के बाद भाजपा में भी हलचल मच गई है. दरअसल ये तस्वीर मध्य प्रदेश की है. इसमें मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह और विदिशा के जिला पंचायत अध्यक्ष तोरण सिंह स्टील की थाली में भोजन कर रहे हैं, जबकि उन्हीं के साथ बैठे दलित विधायक गोपीलाल जाटव पत्तल में भोजन कर रहे हैं.
तस्वीर पिछले 3-4 दिनों से सोशल मीडिया में वायरल हो रही थी. मीडिया में तस्वीर सामने आने के बाद भाजपा बैकफुट पर है. बचाव के लिए उसने दलित विधायक को ही सामने कर दिया है. यानी कि पीड़ित खुद भेदभाव करने वालों के बचाव में आया है. भाजपा विधायक जाटव इस फोटो को वायरल किए जाने को ‘राजनीतिक हथकंडा’ बता रहे हैं. उनके मुताबिक, तोरण सिंह के अचानक आने पर उन्होंने अपनी स्टील की थाली उनकी ओर बढ़ा दी, क्योंकि वे अतिथि थे. उसके बाद कई लोगों ने पत्तल में ही खाना खाया.
लेकिन दलित विधायक का यह बयान गले नहीं उतर रहा है. क्योंकि बीते शुक्रवार को परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह और विदिशा जिला पंचायत के अध्यक्ष तोरण सिंह के साथ अशोकनगर से विधायक गोपीलाल जाटव कार्यक्रम में साथ थे. सभी के लिए एक स्थान पर भोजन की व्यवस्था भी थी. कार्यक्रम के बाद सभी खाना खाने गए. जहां मंत्री और जिला पंचायत अध्यक्ष दोनों तो स्टील की थाली में खाना खा रहे हैं, वहीं जाटव पत्तल में खाना खाते हुए दिख रहे हैं. दलित विधायक की सफाई के बावजूद सवाल यह है कि क्या मंत्री-विधायक के कार्यक्रम में आयोजक सिर्फ दो ही थालियों का प्रबंध कर सके होंगे यह बात गले से नहीं उतरती है.
वैसे भी जिस देश में दलित सांसद ही आरक्षण का बिल संसद में फाड़ देते हों वहां वो राजनीतिक दलों के कितने बड़े “यस मैन” हैं इसको साबित करने के लिए किसी सबूत की जरूरत नहीं है. इस घटना ने ये भी साबित कर दिया है कि भाजपा के सवर्ण नेता अपने दलित विधायकों और सांसदों के बारे में कैसी सोच रखते हैं.