लखनऊ। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ में 23 फऱवरी को शिक्षाविभाग और इनफार्मेशन एंड गाइडेंस ब्यूरो के तत्वाधान में “Higher Education in the new Century: Challenge and opportunity” विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस दौरान कार्यक्रम केशुरू होने से पहले माल्यार्पण हेतु रखी भारतरत्न डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर की फोटो को हटा दिया गया.
छात्रों का कहना है कि शिक्षाविभाग और सेमिनार के डायरेक्टर प्रो अरविन्द कुमार झा एवं अन्य प्रोफेसर डॉ. सुभाष मिश्रा, डॉ. अंशू रूपेंनवार, डॉ. हरिशंकर सिंह, डॉ. शिल्पी वर्मा ने बाबासाहेब की फोटो को हटा दिया. इसके बाद बीएड के छात्र जयसिंह सहित अम्बेडकरवादी छात्रों ने इसका विरोध किया. बावजूद इसके डॉ. अम्बेडकर की तस्वीर नहीं लगाई गई. जब इसकी सूचना विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों को हुई तो उन्होंने सेमिनार हॉल पहुंचकर डायरेक्टर प्रो अरविंद कुमार झा, डॉ अंशू रूपेंनवार, डॉ सुभाष मिश्रा, डॉ शिल्पी वर्मा से बाबासाहेब की तस्वीर रखने का आग्रह किया, इस बात पर दोनों पक्षों में तीखी बहस हो गई.
छात्रों का कहना है कि यह अपमान केवल बाबा साहेब डॉ बी आर अम्बेडकर जी का नही बल्कि ‘भारतरत्न’ और ‘संविधान निर्माता’ का अपमान है. इससे पूर्व भी विवि में कुलपति की सह पर समाजशात्र विभाग शिक्षिका डॉ जया श्रीवास्तवा ने बाबासाहेब और गौतम बुद्ध जी पर अभद्र टिप्पणी कर अपमान किया था, जिस पर कुलपति ने कोई कार्यवाही नही की थी. इससे जाहिर होता है ये सब कुलपति के आदेश पर किया जा रहा है.
छात्रों ने इस की शिकायत करते हुए भारतरत्न एवं संविधान निर्माता का अपमान करने वाले शिक्षकों के खिलाफ उचित दंडानात्मक कार्यवाही की मांग की. अम्बेडकरवादी छात्रों का कहना है कि अगर सोमवार तक दोषी शिक्षकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो बहुजन छात्र विवि में आंदोलन करेंगे. साथ ही अम्बेडकरवादी छात्रों ने कुलपति से मांग कि है कि विश्वविद्यालय में ऐसा आदेश पारित किया जाए कि बाबासाहेब के नाम से चल रहे विश्वविद्यालय में किसी भी कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. अम्बेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ होनी चाहिए.

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