हमारे लिए भी यह अहम सवाल है कि आखिर देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी. यह तय है कि सरकार उसी की बनती है जिसे जनता अपना वोट, अपना समर्थन देती है और आप ही लोग जनता जनार्दन हो,...
तकरीबन ढाई दशक पहले आरपीआई के एक नेता ने संसद में यह प्रश्न उठाया था कि जिस तरह 15 अगस्त से पहले लाल किले पर झंडोत्तोलन के लिए जाते वक्त प्रधानमंत्री राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हैं, उसी तरह गणतंत्र दिवस 26...
उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच समझौता होने के बाद एक चर्चा आम है. चर्चा है कि यहां चुनाव प्रचार में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव प्रचार के लिए उतरेंगी....
समाजवादी पार्टी का झगड़ा जिसे मैं रगड़ा कह रहा हूं, लखनऊ से दिल्ली पहुंच गया है. दिल्ली में चुनाव आयोग से मिलने के बाद मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अखिलेश मेरा बेटा है उससे मतभेद दूर कर लेंगे. असल में मुलायम सिंह ने...
यह खबर मुझे एक चैनल के वेबसाइट पर पढ़ने को मिली. हेडिंग थी- ‘जनरल डायर को मारने वाले शहीद उधम सिंह के परपोते को नहीं मिल रही चपरासी की नौकरी’ खबर पढकर मुझे लगा कि एक वीर शहीद के परिवार के साथ अन्याय हो...
1 जनवरी सन् 1818 के दिन एक ऐसी ही घटना घटी थी, जिसने दलित समाज के शौर्य को दुनिया भर में स्थापित किया था. मुख्यधारा की मीडिया और दलित समाज के विरोधी हमेशा से इस घटना का जिक्र करने से कतराते रहे हैं. क्योंकि...
हाजीपुर वाया पटना होते हुए एक खबर दिल्ली पहुंची है. खबर यह है कि ‘हिन्दु ह्रदय सम्राट’ नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आस्था रखने वाले और उनके मंत्रीमंडल में शामिल केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कैशलेस को बढ़ावा देने के लिए अपने कार्ड से...
क्या आपने महात्मा ज्योतिबा फुले को पढ़ा है? तथागत ने दुनिया को जो संदेश दिया, क्या आप उसके बारे में जानते हैं? बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर ने जो लिखा क्या आप उससे वाकिफ हैं? मान्यवर कांशीराम सहित तमाम बहुजन नायकों ने बहुजन समाज को जो...
अभी-अभी दस दिनों का दशहरा बीता है. मैं इस बहस में नहीं पड़ना चाहता कि दुर्गा कौन थीं और उनका महिषासुर के साथ क्या संबंध था और राजा महिषासुर ने दुर्गा का क्या बिगाड़ा था जो उन्होंने उसे मार डाला. और मार भी डाला...
मान्यवर कांशीराम का जन्म पंद्रह मार्च1934 को हुआ. प्यार से लोग उन्हें साहब या आदरवश मान्यवर कहते हैं. वह अभी तक के एक ऐसे नायक रहे हैं, जिनका समग्रता से आंकलन होना बाकी है. अस्सी और नब्बे के दशक में उनका व्यक्तित्व अनबुझ पहेली...