Saturday, March 29, 2025

साहित्य-धर्म

दिल्ली में मना दलित लेखक संघ का रजत जयंती वर्ष समारोह, एक मंच पर आएं दिग्गज साहित्यकार

विगत 21 अगस्त को दिल्ली के गाँधी पीस फाउंडेशन में दलित साहित्यकार इकट्ठा हुए। देश के कई हिस्सों से पहुंचे ये साहित्याकर दलित लेखक संघ के रजत जयंती वर्ष का समारोह मनाने इकट्ठा हुए थे। इस दौरान एक दिवसीय वार्षिक अधिवेशन  का आयोजन हुआ,...

आइए जानें, हरियाणवी लोक साहित्य में अंबेडकरवाद के प्रवर्तक महाशय छज्जूलाल सिलाणा को

- दीपक मेवाती मानव जीवन के हर काल में सामाजिक कुरीतियों को दूर करने,  आमजन को इन कुरीतियों के प्रति जागृत करने का बीड़ा जिस भी शख्स ने उठाया आज उनकी गिनती महान व्यक्तित्व के रूप में होती है| संत कबीर दास, संत रविदास, बिरसा...

दलित साहित्य को “दलित साहित्य” ही कहिए, जनाब

  विमर्शों की दुनिया में "दलित विमर्श" अर्थात् "दलित साहित्य" का लगभग पिछले चार- पाँच दशकों से परचम लहरा रहा है। बोधिसत्व बाबासाहब की वैचारिकी पर आधारित दलित समाज की अन्तर्वेदना-आक्रोश तथा उत्पीड़न, इच्छा, आकांक्षा को इस साहित्य में समाविष्ट किया गया है। इस...

कविताः मुझे बदलाव चाहिए, सुधार नहीं

सदियों से तुम्हारे शास्त्रों, शस्त्रों और बहियों का बोझ मेरी जर्जर देह ने ही उठाया है बैलगाड़ी में जुते बीमार बैल की तरह मैं ही वाहक रहा हूँ तुम्हारी सब कामनाओं का अब तुम्हारा बैल मर ही न जाए गिर कर चूर ही न हो जाए इसलिए तुम देते आये हो...

पेंगुइन ने प्रकाशित की रामविलास पासवान की जीवनी

रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद अचानक से हर कोई उनके बारे में ज्यादा जानने की चाह रखने लगा। उन पर किताबें ढूंढ़ी जाने लगी। इसी बीच पेंगुइन रैंडम हाउस ने हाल ही में देश के कद्दावर नेता और राष्ट्रीय दलित राजनीति के प्रमुख...

विपिन भारतीय को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान

नई दिल्ली। सोशल एक्टिविस्ट, गायक और ओएनजीसी के मेहसाना युनिट में एग्जिक्यूटिव इंजीनियर के पद पर कार्यकरत यूपी के सहारनपुर निवासी विपिन कुमार भारतीय को बड़ा सम्मान मिला है. थाईलैंड की Nakhon Pathom Rajghat University द्वारा आयोजित 9th International Conference on Art & Culture...

दिल्ली में 3-4 फरवरी को दलित साहित्य महोत्सव, लगेगा दिग्गज साहित्यकारों का जमावड़ा

नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज में ‘दलित साहित्य महोत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है. यह महोत्सव 3 और चार जनवरी को दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में आयोजित होगा. कार्यक्रम का समय सुबह 9.30 से शाम 6.30 तक होगा. इस तरह...

‘तूफाँ की ज़द में’ (ग़ज़ल संग्रह) : एक दृष्टि

युवा लेखक, कवि व कहानीकार शिवनाथ शीलबोधि का कहना है कि ग़ज़ल के अर्थ को यदि एक शब्द में रूढ़ करना हो तो मैं ये कहूंगा कि गजल दिल और दिमाग में मचलती वो विचारधारा है जो अव्यक्त से व्यक्त होने को बेताब होती...

‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ या आदिवासियों की कब्र

मेरे देशवासियों! जश्न के अवसर पर रोना वाला मनहूस होता है मैं भी उन मनहूस लोगों में से एक हूं जब पूरा देश 31 अक्टूबर के जश्न में डूबने के लिए उतावला है तो मैं मनहूस 31 अक्टबूर के लिए शोकगीत लिख रहा हूं मेरे लिए तो यह खुशी का दिन होना चाहिए मेरे...

“मैं गुजरात आया हूँ”

न्यू इंडिया की भयावह तस्वीर देखने आया हूँ, उत्तर भारतीयों के लिए बन रहा दूसरा कश्मीर देखने आया हूँ, मैं गुजरात आया हूँ... सुना है मराठियों के बाद, गुजरातियों ने भी स्वतंत्र भारत के एक स्वतंत्र राज्य पर अपना दावा ठोंक दिया है, मैं तुम्हारी वही कथित जागीर...
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फ्रैंक हुजुर का दुनिया से जाना

नई सदी में हाशिये के समाज में जन्मे किसी लेखक के आकस्मिक तौर पर निधन से बहुसंख्य वंचित वर्गों के बुद्धिजीवी और एक्टिविस्टों को...

राजनीति

विवादों में जगनमोहन रेड्डी, 500 करोड़ के भव्य महल पर उठे सवाल

जगन मोहन रेड्डी का भव्य महल, जिसे एक पूरे पहाड़ को समतल कर बनाया गया, राजनीतिक विलासिता और सार्वजनिक संसाधनों के दुरुपयोग का एक...
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