Saturday, March 29, 2025

ओपीनियन

जुबान नहीं फिसली है, असल बात जुबान पर आ गई है

मैंने लिखा था, वे गांधी-नेहरू के बाद अंतिम हमला आंबेडकर पर ही बोलेंगे, आखिर अमित शाह ने आंबेडकर पर हमला बोल ही दिया। भारत को हिंदू राष्ट्र में तब्दील करने के मार्ग में तीन व्यक्तित्व हिंदू राष्ट्रवादियों के मार्ग में सबसे बड़ी बाधाएं हैं,...

विपश्यना से लौटे पत्रकार यशवंत ने साझा किया शानदार अनुभव

मैंने हरियाणा के सोहना स्थित धम्मा सेंटर में भिक्षु के रूप में दस दिन बिताए। यहां न बोलना था, न आंखें मिलानी थी किसी से, जो मिल जाए वो खाना था। काम के नाम पर दिन भर ध्यान करना साधना करना। बाहरी दुनिया से...

‘साहेब’ बनना आसान, ‘बहनजी’ बनना मुश्किल!

भारतीय राजनीति में गला काट प्रतियोगिता, जानलेवा संघर्ष, षड्यंत्र, और चालबाजियों का बोलबाला है। यहाँ अनगिनत प्रतिद्वंद्वी और दुश्मन हैं—अपने भी, पराये भी, अंदर से भी, और बाहर से भी। ऐसी स्थिति में आज किसी के लिए बहनजी या उनके समान किसी नेता के...

स्मृति शेषः जातीय भेदभाव के खिलाफ लड़ाई के नायक थे एडवोकेट केशरीलाल

बहुजन समाज के नायकों की फेहरिस्त लम्बी रही है। उन नायकों से प्रेरणा लेकर बाद की पीढ़ी ने भी सम्मान के लिए संघर्ष का रास्ता चुना। केशरीलाल जी, उसी श्रृंखला के नायक का नाम है। बीते 19 सितंबर 2024 को 85 साल की उम्र...

पूना पैकट: दलितों से छिना पृथक निर्वाचन का अधिकार

भारतीय हिन्दू समाज में जाति को आधारशिला माना गया है. इस में श्रेणीबद्ध असमानता के ढांचे में अछूत सबसे निचले स्तर पर हैं, जिन्हें 1935 तक सरकारी तौर पर 'डिप्रेस्ड क्लासेज' कहा जाता था. गांधीजी ने उन्हें 'हरिजन' के नाम से पुरस्कृत किया था,...

बुद्ध काल में जाति और जातिगत पेशा, एक पड़ताल

आज जिन जातियों को जो नाम हैं, क्या वह वह नाम उन्हें जाति व्यवस्था के जन्म के बाद ही मिला है, ऐसा नहीं है, इस बारे में एक जरूरी भ्रम जरूर दूर कर लेना चाहिए-संदर्भ बुद्ध को खीर खिलाने वाली सुजाता की जाति क्या...

वह पत्रकार, जिसके कैंसर से जंग हार जाने पर पूरा मीडिया जगत कर रहा है याद

(लेखक- अविनास दास) जनवरी, 2021 में रवि मुंबई आये थे। रांची में डॉक्टरों को कुछ शक़ हुआ, तो उन्हें टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल रेफ़र किया था। जब मालूम पड़ा कि रवि को आख़िरी स्टेज का लंग कैंसर है, उस वक़्त मैं उनके साथ था। ज़ाहिर है,...

झारखंड में भाजपा का नया गेम, निशाने पर आदिवासी और मुस्लिम

झारखंड राज्य चुनाव की दहलीज पर खड़ा है। यहां नवम्बर में विधानसभा के चुनाव है। ऐसे में भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए तमाम हथकंडे अपनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए अपने बयानों से तमाम दिग्गज नेता जमकर प्रोपेगेंडा फैलाने में जुटे हैं।...

सफल राजनीतिज्ञ ही नहीं कामयाब वकील भी थे बाबा साहब

 लेखकः मुस्ताक अली बोहरा| आजाद हिन्दुस्तान के संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। बाबा साहब को चाहे राजनीतिज्ञ के रूप देखा जाए या फिर समाजसेवी के रूप में या वकील के रूप में, हर किसी क्षेत्र में उनका योगदान...
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आरक्षण में कोटे पर नया हंगामा शुरू, अब क्या करेगा दलित समाज?

सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की खंडपीठ के द्वारा एक अगस्त को आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमी लेयर को लेकर टिप्पणी की थी। इसके बाद दलित समाज के भीतर से विरोध उठना शुरू हो गया। इस बीच 9 अगस्त को इस बारे में केंद्र...
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फ्रैंक हुजुर का दुनिया से जाना

नई सदी में हाशिये के समाज में जन्मे किसी लेखक के आकस्मिक तौर पर निधन से बहुसंख्य वंचित वर्गों के बुद्धिजीवी और एक्टिविस्टों को...

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विवादों में जगनमोहन रेड्डी, 500 करोड़ के भव्य महल पर उठे सवाल

जगन मोहन रेड्डी का भव्य महल, जिसे एक पूरे पहाड़ को समतल कर बनाया गया, राजनीतिक विलासिता और सार्वजनिक संसाधनों के दुरुपयोग का एक...
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