Wednesday, February 5, 2025

ओपीनियन

नास्तिक ही असली पात्र हैं- ओशो

मैं नास्तिकों की ही तलाश में हूं, वे ही असली पात्र हैं. आस्तिक तो बड़े पाखंडी हो गए हैं. आस्तिक तो बड़े झूठे हो गए हैं. अब आस्तिक में और सच्चा आदमी कहां मिलता है? अब वे दिन गए, जब आस्तिक सच्चे हुआ करते...

यह उत्सवी देश परम पीड़ा से गुजर रहा है

मैंने कई कारपोरेट घरानों के बड़े लोगों से निजी तौर पर बात की. सबको छह माह पहले से पता था कि हजार और पांच सौ के नोट खत्म किए जाने हैं. मुझसे किसी एक ने संपर्क नहीं किया कि उसके यहां करोड़ दो करोड़...

ओशो-विचारः क्या बु‍द्ध भगवान के अवतार हैं?

ओशो रजनीश ने तथागत बुद्ध पर दुनिया के सबसे सुंदर प्रवचन दिए हैं. इस प्रवचन माला का नाम है "एस धम्मो सनंतनो". लाखों देशी और विदेशी लोग हैं, जो बौद्ध नहीं है लेकिन वे तथागत बुद्ध से अथाह प्रेम करते हैं और उनकी विचारधारा...

धन पर ओशो की इस सटीक और खरी टिप्पणी को पढ़ें

धन का शास्त्र समझना चाहिए. धन जितना चले उतना बढ़ता है. चलन से बढ़ता है. समझो कि यहां हम सब लोग हैं, सबके पास सौ-सौ रुपए हैं. सब अपने सौ-सौ रुपए रखकर बैठे रहें! तो बस प्रत्येक के पास सौ-सौ रुपए रहे. लेकिन सब...

कौन-कौन से ‘ऐसे मामले’ हैं जिनमें राजनीति नहीं, कीर्तन होना चाहिए

आए दिन कोई न कोई नेता या संवैधानिक प्रमुख, अपने ठोंगे से मूंगफली की तरह उलट कर ये सुझाव बांटने लगता है कि ऐसे मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए. हम कंफ्यूज़ हैं कि वो कौन से ‘ऐसे मामले’ हैं जिनपर राजनीति नहीं हो...

शोषण के गढ़ हैं भारत के शैक्षिक संस्थान

बाबासाहेब ने कहा था कि हम किसी भी दिशा में मुड़े जातिवाद का राक्षस आगे खड़ा मिलेगा. समाज में व्याप्त जातिवाद आज एक नये रूप-रंग में हमारे सामने आ गया है. जातिवाद ने अपना चेहरा समय के साथ साथ बदल लिया है, अगर गांव...

डॉ. अम्बेडकर की राजनीति

डॉ. अम्बेडकर दलित राजनीति के जनक माने जाते हैं क्योंकि उन्होंने ही सबसे पहले दलितों के लिए राजनैतिक अधिकारों की लडाई लड़ी थी. उन्होंने ही भारत के भावी संविधान के निर्माण के संबंध में लंदन में 1930-32 में हुए गोलमेज़ सम्मलेन में दलितों को...

जाति: भारत से ब्रिटेन तक

रिटेन में जातिगत भेदभाव के विरूद्ध कानून बनाने की मांग और इसकी कोशिशों के विरोध ने एक बार फिर जाति-व्यवस्था और इसके पोषकों, समर्थकों के बारे में सोचने को विवश किया है. भारतीय, विशेष रूप से हिंदू समाज में जाति, जातिवाद, जातिगत भेदभाव और...

जब हम सवाल नहीं पूछ पाएंगे, तो क्या करेंगे?

दिल्ली में सरकारी स्कूलों को बंद करने का फैसला किया गया है. गुड़गांव के भी कुछ स्कूलों को बंद करने का फैसला किया गया है. हवा ही कुछ ऐसी है कि अब जाने क्या क्या बंद करने का फैसला किया जाएगा. हम जागरूक हैं....

कॉलेजियम सिस्टमः 85 प्रतिशत लोगों को न्याय से वंचित रखने का षडयंत्र

हाईकोर्ट-सुप्रीमकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट-सुप्रीमकोर्ट के जजों द्वारा बनायी गयी 3-4 हाईकोर्ट-सुप्रीमकोर्ट के जजों की कमिटी का नाम ही कॉलेजियम है. शुरू में सोचा गया कि यह व्यवस्था ''मोहि ले चल'' की बिमारी से भिन्न होगी. लेकिन इसने भी ऐसा करना...
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मैं चाहता हूँ कि मनुस्मृति लागू होनी चाहिए

अख़बार में पढ़ा था कि गत दिनों बनारस में कुछ दलित छात्रों ने मनुस्मृति को जलाने का कार्यक्रम किया था, और वे सब...

राजनीति

डॉ. आम्बेडकर की जन्मस्थली से कांग्रेस का नया अभियान शुरू, दलितों-पिछड़ों पर निशाना

महू, मध्य प्रदेश। देश भर के दलितों को कांग्रेस के पाले में एकजुट करने के लिए कांग्रेस पार्टी और इसके नेता राहुल गांधी ने...
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