Wednesday, February 5, 2025

ओपीनियन

अंधराष्ट्रवाद और भ्रष्टाचार के दौर में शहीद होते जवान!

हर युद्ध,गृहयुद्ध की कीमत जैसे देश काल परिस्थिति निर्विशेष स्त्री को ही चुकानी पड़ती है, उसी तरह दुनिया में कहीं भी युद्ध हो तो उससे आखिरकार हिमालय लहूलुहान होता है. उत्तराखंड के कुमायूं गढ़वाल रेजीमेंट या डोगरा रेजीमेंट,नगा रेजीमेंट या असम राउफल्स सबसे कठिन...

नहीं चाहिए ऐसा विकास जो सेना के जवानों को शहीद कर दे!

70 वर्ष की आजादी के बाद भी जिस देश की 85 प्रतिशत आबादी सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक व्यवस्था का हिस्सा नहीं बन पायी हो और उसमें भी हम जैसी अधिकांश आबादी की जुबान पर यह जुमला "कोई होहिं नृप हमें का हानि" घर कर...

इतिहास के आइने में दलित-आदिवासी महिलाएं

मेरे दिमाग में कई बार आया कि आदिवासी औरतों के चित्र ही निर्वस्त्र ही क्यों देखने को मिलते हैं...कुछ इलाकों में आज भी आदिवासी औरतें लगभग निर्वस्त्र सी रहती हैं. क्यों?  यह भी सोचा कि शायद धनाभाव इसका कारण रहा हो... कभी यह भी...

वैवाहिक रीतियों में सामाजिक बुराइयां

बुन्देलखण्ड क्षेत्र जिसे कहते है वो उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश को मिला के बना हुआ है और एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर शादी किसी यज्ञ से कम नहीं होती है. इस क्षेत्र में कन्यादान सबसे बड़ा दान माना जाता है. यहां लड़की का जन्म...

शुक्र है मेरे बिजनौर ने खुद को संभाल लिया

मेरे बिजनौर ने ख़ुद को तुरंत संभाल लिया इसके लिए उसे सलाम. वरना साज़िश तो बड़ी थी. बिजनौर का मूल स्वभाव अमन पसंद है, हालांकि बीच-बीच में कुछ लोग माहौल ख़राब करने की कोशिश करते रहते हैं. इस बार भी यही कोशिश हुई. पेदा...

एक देश एक चुनाव: लोकतंत्र की हत्या का प्रस्ताव

2014 में हुए लोकसभा चुनावों में यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति और नीयत पर भरोसा करने वालों की देश में कमी होती,  तो वे 282 सीटों पर कब्ज़ा कर के लोकसभा में न पहुंचे होते. किंतु उनके प्रधानमंत्री बनने के पहले और बाद...

मनुवाद के कंधों पर मानवतावाद का जनाजा

घटना पिछले दिनों की है। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के एक गांव में दबंग जातियों के लोगों ने एक मृतक दलित महिला का शमशान घाट पर अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। क्योंकि शमशान घाट की जमीन पर दबंग जातियों के लोगों का कब्जा...

शाकाहार और मांसाहार की बहस

शाकाहार और मांसाहार में तुलनात्मक मेरिट की ही बात है तो ध्यान रखियेगा कि दुनिया में सारा ज्ञान विज्ञान तकनीक मेडिसिन चिकित्सा यूनिवर्सिटी शासन प्रशासन संसदीय व्यवस्था व्यापार उद्योग इत्यादि यूरोप के मांसाहारियों ने ही दिया है. भारत सहित अन्य मुल्कों को भी लोकतन्त्र,...

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के दौर में डायन प्रथा !

देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा है, ऐसे अभियानों का समाज पर प्रभाव भी पड़ता है. परिणामस्वरूप समाज में बेटियों के प्रति नजरिया बदल रहा है. आज देश में ऐसे सैकड़ों स्कूल मिल जाएंगे, जहां लड़कों की अपेक्षा लड़कियां अधिक...

बाबा साहेब की अंगुली का इशारा संसद की तरफ है

बाबा साहेब ने ''कांग्रेस और गांधी ने अछूतों के लिये क्या किया’ में कहा है कि सत्ता ही जीवन शक्ति है. अतः उन्हें (दलितों को) शासक जमात बनाना है और सत्ता अपने हाथ में  लेनी है, वरना जो अधिकार मिले हैं, वे कागजी रह...
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ओपीनियन

मैं चाहता हूँ कि मनुस्मृति लागू होनी चाहिए

अख़बार में पढ़ा था कि गत दिनों बनारस में कुछ दलित छात्रों ने मनुस्मृति को जलाने का कार्यक्रम किया था, और वे सब...

राजनीति

डॉ. आम्बेडकर की जन्मस्थली से कांग्रेस का नया अभियान शुरू, दलितों-पिछड़ों पर निशाना

महू, मध्य प्रदेश। देश भर के दलितों को कांग्रेस के पाले में एकजुट करने के लिए कांग्रेस पार्टी और इसके नेता राहुल गांधी ने...
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