ऩई दिल्ली। चीन ने कहा कि भारत को सीमा पर शांति कायम रखने की इच्छा अपने कामों से दिखानी चाहिए. चीन ने दावा किया कि सीमा पर चीन की तरफ एक सड़क बनाने के उसके प्रयासों को रोकने के लिए डोकलाम क्षेत्र में 48 भारतीय सैनिकों के पीछे सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिक मौजूद हैं. एक बयान में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि भारतीय पक्ष के कदम गैरजिम्मेदाराना और लापरवाह लगते हैं. उन्होंने कहा कि कल तक डोकलाम क्षेत्र में 48 भारतीय सैनिक और एक बुलडोजर था. उन्होंने इसे चीन की सीमा में घुसपैठ बताया. हालांकि भारत कहता है कि यह क्षेत्र भूटान का है.
गेंग ने कहा कि इसके अलावा, सीमा पर और सीमा के भारतीय तरफ अब भी बड़ी संख्या में भारतीय सैन्य बल मौजूद है. प्रवक्ता ने कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि कितने भारतीय सैनिको ने अवैध रूप से सीमा पार की और अभी भी चीनी क्षेत्र में हैं, यह चीन की क्षेत्रीय अखंडता के गंभीर उल्लंघन तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उल्लंघन की प्रकृति को नहीं बदलता है. यह घटना अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अवैध है. भारतीय पक्ष को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए.
गेंग ने फिर दोहराया कि 18 जून को करीब 270 भारतीय सैनिक चीन की सीमा में सड़क निर्माण में बाधा पहुंचाने के लिए चीन की जमीन पर सौ मीटर से अधिक अंदर घुस आए. गेंग ने कहा कि भारत को अपने शब्दों को काम में बदलते भी दिखाना चाहिए. गेंग ने बयान में कहा कि भारतीय पक्ष हमेशा शांति की बात करता है. लेकिन हमे केवल शब्दों को नहीं सुनना चाहिए बल्कि उसके कामों पर भी ध्यान देना चाहिए.
चीनी सेना ने दी भारत को धमकी
इस बार चीनी सेना ने डोकलाम पर भारत को धमकी दी है. चीनी सेना की ओर से कहा गया है कि संयम की सीमा खत्म हो रही है और भारत को तुरंत पीछे हट जाना चाहिए. चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता और पीएलएन के कर्नल रेन गुओकियांग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चीन ने गुडविल दिखाते हुए इस मामले पर अभी कूटनीतिक हल का रास्ता अपनाया है लेकिन इसकी भी एक सीमा है और संयम खत्म होने की ओर है. चीनी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि चीन की जमीन को कोई भी देश ले नहीं सकता, चीनी सेना अपने भूभाग और संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम है.
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