नई दिल्ली। दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में 10वीं की छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया तो सबके होश उड़ गए. बाद में पता चला कि वह रेप की शिकार हो रही थी. आरोपी पड़ोस में रहने वाला 51 साल का ऑटो चालक निकला. उसे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है.
शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि वह किशोरी का 4-5 बार यौन शोषण कर चुका था. किशोरी को अपने चंगुल में रखने के लिए रुपयों का लालच देता था. लड़की को शुरू में अपने प्रेग्नेंट होने का पता नहीं चला. जब पेट फूलने लगा तो आरोपी ने उसे बच्चा गिराने की दवा खिला दी, जिसके असर से उसे स्कूल में प्री-मच्योर डिलिवरी (26 सप्ताह) हो गई.
पुलिस ने कहा कि सबसे हैरानी की बात यह कि बच्ची के परिजनों को भी उसके प्रेग्नेंट होने का अंदाजा नहीं लगा. उन्हें लग रहा था कि किसी बीमारी या गैस की वजह से किशोरी का पेट फूल रहा है. स्कूल से उसकी डिलिवरी की खबर मिली तो वह भी हैरान रह गए. नाबालिग मां और नवजात शिशु एक सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं. फिलहाल दोनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.
नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी मिलिंद डुंबरे ने घटनाक्रम की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि पुलिस को अस्पताल से मामले की सूचना मिली थी. अस्पताल में होश आने के बाद किशोरी ने जो बताया, उससे आरोपी ऑटो वाले की करतूत का खुलासा हुआ. आरोपी की फौरन धर-पकड़ के लिए एसीपी हुक्माराम के सुपरविजन में पुलिस टीम बनाई गई. किशोरी की स्कूल में डिलीवरी और पुलिस कार्रवाई की भनक लगते ही आरोपी घर से फरार हो गया था, जिसे इंस्पेक्टर अनिल चौहान व एसआई प्रियंका की टीम ने कल अरेस्ट कर लिया. उसकी पहचान 51 साल के अब्दुल गफ्फार के तौर पर हुई.
किशोरी ने 20 जुलाई को स्कूल के बाथरूम में बच्ची को जन्म दिया था. बताया जा रहा है कि उस रोज स्कूल में किशोरी का कंपार्टमेंट का एग्जाम था. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी किशोरी की नादानी का फायदा उठा रहा था. उसे यौन शोषण के बाद कभी 500 तो कभी 800 रुपये देता था, ताकि वह लालच के चलते उसके चंगुल में फंसी रहे. इस तरह चार-पांच बार रेप कर चुका था. किशोरी ने जब उसे पेट फूला होने और दर्द के बारे में बताया तो उसने उसे गर्भपात की दवा खिला दी. इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ी और स्कूल में ही उसकी डिलिवरी हो गई.
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