कांग्रेस पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा में अपना नेता चुना है। नेता प्रतिपक्ष श्री गुलाम नवी आजाद का कार्यकाल पूरा होने और राज्यसभा से विदाई के बाद कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना नेता चुना है। खड़गे दक्षिण भारत से ताल्लुक रखते हैं और कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं। खड़गे एक शानदार वक्ता हैं और लोकसभा में भी कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं की तुलना में श्री खड़गे का इस पद हेतु चुनाव भविष्य की राजनीति का संकेत माना जा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी एक साल के भीतर बंगाल सहित दक्षिण के अन्य राज्यों में चुनाव हैं। ऐसे में दलित नेता का नेता प्रतिपक्ष बनना कांग्रेस के लिए लाभकारी हो सकता है। यह भी माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के बाद बदली हुई परिस्थितियों में अब किसानों मजदूरों और दलितों-बहुजनों के अधिकार का मुद्दा 2024 के लोकसभा चुनाव में ताकत के साथ उठने वाला है। इस प्रकार दलित समाज से आने वाले एक नेता का राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष हेतु चुना जाने से बहुत सारे राजनीतिक संकेत मिल रहे हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने सन् 2014 में खड़गे को लोकसभा में अपना नेता चुना था तब देश की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गयी थी। कांग्रेस के ही शशि थरूर व दिग्विजय सिंह जैसे लोगों ने खड़गे कि बजाय राहुल गांधी को इस पद पर लाने की वकालत की थी। लेकिन बाद में सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी ने इस पद हेतु अनिच्छा जाहिर की तब से माना जा रहा था कि कमलनाथ या विरप्पा मोइली इस पद के लिए चुने जाएंगे। लेकिन श्री खड़गे के चुनाव ने उस समय भी सबको चौंका दिया था।

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