नई दिल्ली- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का एक ताजा बयान खूब बवाल मचा रहा है। इस बयान में मांझी जहां दलितों में बढ़ रही धार्मिकता को लेकर उन्हें कोस रहे हैं तो वहीं ब्राह्मणवाद पर भी बरसे हैं। भावनाओं में बहते हुए मांझी ब्राह्मणों के लिए ऐसा शब्द बोल गए हैं, जिसके बाद बिहार में बवाल मचा है।
इस विवाद के बाद, ब्राह्मण समाज जहां मांझी को चौरतफा घेरने में जुटा है तो वहीं उन्हें बिहार के भाजपा-जदयू गठबंधन से बाहर करने की मांग भी उठने लगी है। मांझी का यह बयान 18 दिसंबर का है, जब वह एक सभा को संबधित कर रहे थे। मांझी ने क्या कहा, आप खुद देखिए-
यह पहली बार नहीं है, जब जीतनराम मांझी ने विवादित बयान दिया है बल्कि मांझी राम और शराब को लेकर भी विवादित बयान दे चुके हैं। माँझी कई बार कह चुके हैं कि वह राम को भगवान नहीं मानते। वह सवर्ण जातियों को विदेशी मूल का भी बता चुके हैं। मांझी का मानना है कि केवल दलित और आदिवासी ही स्वदेशी हैं।
मांझी के विवादित बयान के बाद जहां सवर्णों को मिर्ची लगी है तो बहुजन समाज के भीतर से कई लोग मांझी के बचाव में सामने आ गए हैं। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने मांझी के बयान का बचाव करते हुए कहा- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय जीतन राम माँझी जी और उनके पुरखों का हिंदू धर्म के साथ Interaction जो अनुभव रहा है, उसके हिसाब से वे जैसी आलोचना कर रहे हैं, वह बहुत विनम्र है। बग़ैर गाली दिए और अपशब्द बोले उन अनुभवों को दर्ज नहीं किया जा सकता।
तो कई लोगों का कहना है कि जीतनराम मांझी का यह कहना बिल्कुल सही है कि ब्राह्मण पुरोहित वैसे तो दलितों से जातिवाद और छूआछूत करते हैं लेकिन जब उनसे दक्षिणा लेनी होती है तो उनका जातिवाद खत्म हो जाता है।
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