उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक बार फिर से विवाद हो गया. यहां बारात में शामिल होने आए दलित युवकों के बाइक से पटाखे की आवाज निकालने पर विवाद हो गया. दूसरे वर्ग के लोगों ने उनके साथ मारपीट कर दी. इसमें तीन युवक घायल हो गए.
दलितों का आरोप है कि विवाद रास्ता पूछने को लेकर हुआ. मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को सीएचसी फतेहपुर में भर्ती कराया. बाद में दलित समाज के लोग इकट्ठे होकर थाने पहुंचे और सात राजपूत युवकों के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की. सीओ सदर ने भी गांव में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया.
दलित और राजपूतों के विवाद की खबर मिलते ही एसओ भारी पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे और घायलों को सीएचसी फतेहपुर भिजवाते हुए आरोपी पक्ष के एक ग्रामीण को हिरासत में ले लिया. एहतियात के तौर पर गांव में पुलिस तैनात कर दी गई. घटना के बाद दलित पक्ष के लोग इकट्ठा होकर थाने पहुंचे. जहां दाबकी जुनारदार निवासी सुग्घन चंद पुत्र आशाराम की तरफ से बडेढ़ी निवासी सात युवकों के खिलाफ थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की. तहरीर में आरोप है कि बाराती में गए युवक गांव में रास्ता पूछने के लिए रुके थे जिस पर राजपूतों ने जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए धारदार हथियारों से हमला कर दिया.
फतेहपुर थाना अध्यक्ष एमपी सिंह ने बताया कि अल्हेड़ी गांव में दलित राजू पुत्र हुकम सिंह की बेटी की बारात दाबकी जुनारदार गांव से आई थी. गुरुवार की शाम चार बजे दो बाइकों पर सवार कुछ बाराती पास के गांव बडेढी घोघु आए थे. यहां पर वह बुलेट मोटरसाइकिलों के साइलेंसरों से पटाखे जैसी आवाज निकाल रहे थे, साथ ही अभद्र भाषा का प्रयोग भी कर रहे थे. गांव के राजपूत युवकों द्वारा ऐसा करने से रोकने पर विवाद हो गया. विवाद बढ़ने पर बडेढ़ी के युवकों ने बाइक सवार युवकों के साथ मारपीट कर दी. इसमें राम प्रसाद, अनुज, सोनू सिंह घायल हो गए. उन्होंने बताया कि तहरीर मिल गई है. रिपोर्ट दर्ज की जा रही है. गांव में तनाव जैसी कोई बात नहीं है.
Read it also-राजस्थान, MP समेत 5 राज्यों में चुनाव की घोषणा, 11 दिसंबर को नतीजे
- दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये आप हमें paytm (9711666056) कर सकतें हैं।
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।