वाराणसी। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और नाथू राम गोडसे से जुड़े एक विवादित नाटक के मंचन को लेकर विवाद शुरू हो गया है. इस मामले पर छात्र दो फाड़ हो गए हैं. मामला बढ़ने के बाद बात लंका थाने में पहुंच गई है. बीएचयू के दो छात्रों ने लंका थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए इसे राष्ट्रपिता का अपमान बताया है. साथ ही बीएचयू कैंपस में आरएसएस की विचारधारा थोपने का आरोप लगाया है.
विश्वविद्यालय के कला संकाय में चल रहे वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम “संस्कृति 2018″ में विवादित मराठी नाटक “मी नाथू राम गोडसे बोलतोय” के हिन्दी संस्करण‘मैं नाथूराम गोडसे’ बोल रहा हूं का मंचन किया गया. आरोप है कि नाटक मंचन के माध्यम से महात्मा गांधी को गलत बताया गया जबकि उनके हत्यारे नाथू राम गोडसे को हीरो के तौर पर सामने रखा गया. इससे नाराज काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शोध छात्र ने लंका थाने में इसकी शिकायत की है. एक पक्ष के छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय परिसर में संघ की विचारधारा को प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है और उसी के तहत इस कार्यक्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया गया.
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