लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगीराज आने के बाद भी दलितों पर अत्याचार कम नहीं हुए. मोदी की राह पर चलने वाले योगी आदित्यनाथ राज्य में सबका साथ सबका विकास नहीं कर पा रहे हैं. यूपी के अलग-अलग क्षेत्रों में आए दिन दुर्घटनाएं और हिंसा हो रही है. महिलाओं के साथ बदसलूकी और बलात्कार जैसी दुर्घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं. लेकिन योगी सरकार इन सब को रोकने में नाकामयाब साबित हो रही है.
भदोही जिले के कोइरौना क्षेत्र के एक गांव में सात दिन पहले चार युवक घर से बाहर निकली एक दलित किशोरी को उठा ले गए और एक कमरे में रखकर उसके साथ कई दिनों तक दुष्कर्म किया. किशोरी के पिता जब थाने गए तो थाना इंचार्ज ने उन्हें भगा दिया. थाने में सुनवाई न होने पर किशोरी के पिता ने एसपी से शिकायत की.
इसके बाद 27 जून की शाम को इस मामले में केस दर्ज किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराया गया. एसपी ने मामले में लापरवाही के आरोप में कोइरौना एसओ अजय सिंह को लाइन हाजिर कर दिया. किशोरी के पिता ने बताया कि इलाहाबाद के हंडिया थानाक्षेत्र निवासी राकेश मेरे घर आता-जाता था. 22 जून की शाम मेरी बेटी घर से बाहर गई. उसके बाद नहीं लौटी. बाद में पता चला कि राकेश, अपने दोस्त सुरेंद्र और दो अन्य लोगों के साथ उसे उठा ले गया था और चकवा महावीर के पास एक कमरे में ले जाकर तीन दिनों तक रखा इस दौरान सभी ने उसके साथ दुष्कर्म किया.
26 जून को उसका फोन आया कि तुम्हारी बेटी घर के पास सड़क पर खड़ी है, ले जाओ. पिता जब बेटी को घर लेकर आए तो उसने सामूहिक दुष्कर्म की जानकारी दी.
दूसरी घटना देवरिया जिले में हुई. जहां भौलानी इलाके में 5 लोगों ने 24 वर्षीय एक दलित महिला के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि महिला शाम शौच करने के लिए खेत पर गई थी तभी वहां मोटरसाइकिल सवार 2 युवकों ने महिला को जवरन मोटरसाइकिल पर बैठा लिया और एक किलोमीटर दूर खेत में ले जाकर उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया तथा उसे बेहोशी की हाल में छोड़कर भाग गए.
घटना की जानकारी सुबह घरवालों को हुई जब वह बेहोशी की हालत में घर पहुंची और उसने घटना की जानकारी परिवार वालों को दी. परिवार वालों ने पुलिस को सूचना दी तो अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक चिरंजीव नाथ मौके पर पहुंचे. नाथ ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है तथा महिला को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया गया है.
इस खबर का संपादन नागमणि कुमार शर्मा ने किया है.
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