ललितपुर। बानपुर के खिरिया छतारा गांव में सामने आया है. जहां एक दलित परिवार की जमीन पर वहां रहने वाले ठाकुरों ने बलपूर्वक अपना कब्जा जमाकर उस जमीन पर अपनी फसल भी बो ली. उस दलित परिवार को मारपीट कर गांव से निकल जाने फरमान भी जारी कर दिया. सुनने में यह कहानी फिल्मी लगती है मगर यह बुंदेलखंड के सबसे पिछड़े जिले ललितपुर के ग्रामीण क्षेत्रों की हकीकत है.
इस मामले में पीड़ित परिवार के सिमुल ने पुलिस अधीक्षक को एक शिकायत पत्र देकर अवगत कराया. उन्होंने कहा कि बहू दीपा ने रजिस्ट्री बैनामा के जरिए जमीन खरीदी थी और उसने जमीन की नियमता पूर्वक हदबंदी भी करा चुके हैं. मगर उसी गांव में रह रहे गुंडें प्रवृति के इंद्रपाल सिंह और उनके भाई राजपाल सिंह, देवेंद्र सिंह ठाकुर आदि लोगों ने मिलकर उसकी हदबंदी की बाड़-उखाड़ कर फेंक दी.
यही नहीं जब पूरा परिवार एक रिश्तेदार की शादी में गया हुआ था तब उनकी जमीन पर ठाकुरों ने कब्जा कर अपनी फसल को बो दिया. जब इस घटना का विरोध दलित परिवार ने किया तो जातिवादी गुंडों ने लाठी-डंडों से मारपीट कर दलितों को गांव से निकल जाने का फरमान जारी कर दिया.
दलित परिवार का आरोप है कि ठाकुर आपराधिक प्रवृत्ति के लोग हैं, जिनसे हमें जान का खतरा बना हुआ है. हालांकि दलित परिवार ने थाने में शिकायत की मगर उसकी वहां नहीं सुनी गई. उसके बाद दलित परिवार अपनी औरतों बच्चों को लेकर जिला मुख्यालय आया और जिलाधिकारी परिसर में अपना डेरा डाल दिया एवं अपनी जान माल की सुरक्षा की गुहार भी लगाई है.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।