Tuesday, March 11, 2025
HomeTop Newsदलितों आदिवासियों के लिए अच्छी खबर, उच्च शिक्षा दर बढ़ी

दलितों आदिवासियों के लिए अच्छी खबर, उच्च शिक्षा दर बढ़ी

नई दिल्ली। सामाजिक और राजनीतिक चेतना के साथ ही देश के दलित और आदिवासी वर्ग में पढऩे की ललक भी तेजी से बढ़ रही है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के ताजे आंकड़े बता रहे हैं कि बीते 5 साल में उच्च शिक्षा में प्रवेश लेने वाले दलित और आदिवासी विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है.

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से कराए गए एक सर्वे के मुताबिक पिछले 5 वर्षों में उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश दर में कुल 21.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. इसमें अनुसूचित जाति की भागीदारी जो 2012-13 में 16 प्रतिशत थी, 2016-17 में बढ़ कर 21.1 प्रतिशत पर पहुंच गई. इसी तरह अनुसूचित जनजाति की 2012-13 में 11.1 प्रतिशत की भागीदारी 2016-17 में बढ़ कर 15.4 प्रतिशत पर पहुंच गई. खास बात यह है कि दोनों वर्ग में युवाओं के साथ-साथ लड़कियों ने भी उच्च शिक्षा में अपनी रुचि बढ़ाई है.

अगर इस आंकड़े को राज्यवार देखें तो तमिलनाडु पहले नंबर है, जहां दलित और आदिवासी युवाओं ने उच्च शिक्षा में सबसे ज्यादा रुचि ली है. इस लिस्ट में आंध्र प्रदेश दूसरे नंबर पर और महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर है, जबकि आबादी के हिसाब से सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश पांचवें नंबर पर है.

दलित-आदिवासियों में पढ़ाई के लिए बढ़ती ललक एक क्रांतिकारी चेतना का प्रतीक कहा जा रहा है. शिक्षा के अभाव के चलते इन वर्गों का लंबे समय तक उत्पीडऩ और शोषण होता रहा है. लेकिन राष्ट्रनिर्माता बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा इस वर्ग को शिक्षा और नौकरी में संविधान में दिलाए आरक्षण की वजह से इस वर्ग की स्थिति बेहतर हुई है. हाल तक गरीबी और सामाजिक असमानता के चलते इस वर्ग के अधिकांश बच्चे बचपन में ही स्कूल छोड़ रोजी-रोजगार में लग जाते थे, आज भी यह स्थिति बनी हुई है लेकिन इसी बीच इस वर्ग के विद्यार्थियों में पढ़ाई की बढ़ती ललक की रिपोर्ट इस समाज के लिए एक अच्छी खबर है.

 

लोकप्रिय

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Skip to content