Friday, January 3, 2025
Homeदेश'आजादी के 70 साल बाद भी दलितों पर हो रहे जुल्म'

‘आजादी के 70 साल बाद भी दलितों पर हो रहे जुल्म’

कपूरथला। देश में जमींदारों की ओर से दलित समाज को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है, आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही है जिससे दलित समाज का जीना दूभर हो रहा है. आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी दलितों की बस्तियों को आगजनी के हवाले कर देना और तबाह कर देना कोई नई बात नहीं है.

यह बात बाबासाहेब डॉ. बीआर अम्बेडकर सोसायटी के प्रधान कृष्ण लाल जस्सैल और महासचिव धर्मपाल पैंथर ने अमृतसर के गांव टपियाला में घटित गोली कांड घटना की निंदा करते हुए कही. टपियाला के दलित भाईचारे को इन प्लाटों की मालकी सरकार की ओर से 5-5 मरले अलॉट किए गए थे. गरीब परिवारों ने मेहनत करके अपने घरों को बनाया था. जिन्हें जमीदारों ने तबाह कर दिया. दलितों के साथ यह धक्का सरकारी तंत्र की शह पर गुंडों की साजिश के तहत किया गया.

घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए एससी/एसटी कर्मचारी एसोसिएशन के जोनल प्रधान जीत सिंह, जोनल वर्किंग प्रधान रणजीत सिंह, डॉ. अंबेडकर सोसायटी के सीनियर उप प्रधान संतोख राम जनागल, निरवैर सिंह कश्मीर सिंह आदि ने सांझे तौर पर कहा कि गुंडो द्वारा चलाई गई गोलियों में दलित सरदार सुखेदव सिंह शहीद हो गया.

सरदार सुखदेव सिंह की शहीदी टपियाला के लोगों के लिए क्रांति का पथ बनेगी. आज देश में लोकतंत्र की जगह गुंडातंत्र ने ली है. सरकार दलित समाज पर हो रहे जुल्मों के प्रति गंभीर नजर नहीं रही. जिस करके अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. एक तरफ पंजाब सरकार दलित हितैशी होने का ढिंढोरा पीट रही है और दूसरी तरफ सरकारी सरपरस्ती के नीचे दलित समाज को लूटा और कूटा जा रहा है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से पहले भी कई बार मांग की जा चुकी है कि एससी/एसटी लोगों पर बढ़ रहे जुल्मों को ध्यान में रखते हुए विशेष अदालतों (फास्ट ट्रैक कोर्ट) का गठन किया जाए ताकि गुंडों को भारतीय संविधान की धाराओं के तहत सजा का प्रावधान हो सके और पीड़ित परिवारों को शीघ्र न्यास मिल सके.

उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की है कि गोली का शिकार हुए सुखदेव सिंह के वारिसों को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए और बेघर लोगों को मकान बनाकर दिए जाए.

साभारः दैनिक भास्कर

लोकप्रिय

संबंधित खबरें

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Skip to content