मुलताई। मध्यप्रदेश के मुलताई के भगतसिंह वार्ड में दलित पार्षद को अपने क्षेत्र में सवर्ण अधिकारी काम करने नहीं दे रहे हैं. पार्षद द्वारा प्रस्तावित विकास के प्रोजेक्ट को सीनियर अधिकारी पास नहीं होने दे रहे हैं. अगर प्रोजेक्ट पास भी होता है तो वह तमाम तरह के अड़ंगे डालते हैं.
दलित पार्षद उमेश झलिए ने आरोप लगाया कि दलित होने के कारण उसके साथ भेदभाव किया जा रहा है, कुछ सवर्ण अधिकारी उनसे कमीशन मांगते हैं और कमीशन नहीं देने पर काम नहीं होने देते. इसलिए वह परेशान होकर इस्तीफा दे रहे हैं. हालांकि सीएमओ नहीं होने के कारण पार्षद इस्तीफा नहीं सौंप पाए.
झलिए ने कहा कि पार्षद बनने के दो वर्ष से ऊपर होने के बावजूद वार्ड में विकास कार्य के नाम पर सिर्फ एक सड़क बनी है बाकि कोई भी कार्य नहीं हो पाया है, जबकि अन्य पार्षदों तथा सवर्ण अधिकारियों के वार्डों में करोड़ों के कार्य हो गए हैं. ऐसी स्थिति में वार्डवासियों को जवाब देते नहीं बन रहा है.
वार्ड में काम नहीं होने से आहत पार्षद उमेश झलिए ने इसका कारण उनका दलित होना बताया है. उन्होंने कहा कि वे दलित समाज से हैं इसलिए उनके साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नगर पालिका में सिर्फ सभापतियों की ही चलती है तथा अधिकारी भी उन्हीं की सुनते हैं. पार्षदों की कोई नही सुनता. उन्होंने कहा कि वो वार्ड में काम कराने की गुहार लगा-लगा कर थक चुके हैं. ऐसी स्थिति में अब उनके पास सिवाय इस्तीफा देने के कोई और चारा नहीं है.
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