नई दिल्ली। अम्बेडकरी आंदोलन की सजग प्रहरी बहुचर्चित मासिक पत्रिका “दलित दस्तक” ने बाबासाहेब द्वारा निकाले गए पहले समाचार पत्र ‘मूकनायक’ के सौ वर्ष पूरा होने पर आगामी वर्ष 2020 में 31 जनवरी को भव्य कार्यक्रम करने का ऐलान किया है. दलित दस्तक इस दिन ‘अम्बेडकरी पत्रकारिता के सौ वर्ष’ का महा उत्सव मनाएगी. इसकी घोषणा सोशल मीडिया फेसबुक पर पत्रिका के प्रमुख संपादक और प्रकाशक अशोक दास ने की. गौर हो कि 31 जनवरी 1920 को बाबासाहेब ने ‘मूकनायक’ के नाम से अपना पहला समाचार पत्र निकाला था. दलित दस्तक की टीम इस दिन को यादगार बनाना चाहती है. जहां तक दलित दस्तक की बात है तो यह पत्रिका जून 2012 से निरंतर प्रकाशित हो रही है और बहुजन आंदोलन में इसका एक अहम स्थान है. देश के 25 राज्यों में इसका प्रसार है और इससे लाखों पाठक जुड़े हैं.
दलित दस्तक के संपादक अशोक दास ने आयोजन को लेकर बताया कि “हमारे मन में पिछले चार-पांच सालों से यह योजना थी. हमें लगा कि हम इस महत्वपूर्ण वक्त में हैं और आम्बेडकरी आंदोलन से जुड़े हैं और पेशेवर पत्रकार हैं तो हमें इस दिन को यादगार तरीके से मनाना होगा. बाबा साहेब के जीवन के कई पहलू हैं. वह एक सफल पत्रकार भी थे और उन्हें बतौर पत्रकार दलित दस्तक की टीम की ओर से यह सच्ची श्रद्धांजली होगी.”

इस कार्यक्रम को लेकर योजनाओं का जिक्र करते हुए अशोक दास ने कहा कि हमारा उद्देश्य अम्बेडकरी-फुले मूवमेंट से जुड़ी पिछले सौ सालों के दौरान प्रकाशित हुई या वर्तमान में प्रकाशित हो रही पत्र-पत्रिकाओं का पता लगा कर उन्हें एक मंच पर लाना है. हमारी कोशिश रहेगी कि अम्बेडकरी-फुले आंदोलन के विचार वाली किसी भी भाषा की कोई भी पत्र-पत्रिका देश के किसी भी हिस्से से प्रकाशित हो रही हो, उन सबको महा उत्सव के दिन दिल्ली आमंत्रित किया जाए.
इसके साथ ही संपादक अशोक दास ने यह भी कहा कि मुख्यधारा की मीडिया में कार्यरत एससी-एसटी वर्ग के पत्रकारों को भी इस विशेष दिवस पर आयोजित भव्य समारोह में सम्मानित करने की योजना है. उन्होंने इसके लिए इस काम में लगे तमाम लोगों से भी दलित दस्तक से संपर्क कर सूचना देने की अपील की है ताकि तमाम लोगों को एक साथ मंच पर लाया जा सके.
गौरतलब है कि अशोक दास देश के सर्वोच्च पत्रकारिता संस्थान ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) के 2005-06 बैच के पूर्व छात्र हैं. अमर-उजाला, देशोन्नति, भड़ास4मीडिया सहित लोकमत समाचार से जुड़े रहे हैं. उन्होंने पांच सालों तक राजनीतिक रिपोर्टिंग की है, इस दौरान वह संसद और तमाम मंत्रालयों को कवर करते रहें. लेकिन आम्बेडकरी आंदोलन से जुड़ने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर ‘दलित दस्तक’ के जरिए अम्बेडकरी-फुले विचारधारा के प्रसार और हाशिए पर पड़े लोगों के हक की आवाज बुलंद करने की राह चुनी. फिलहाल मासिक पत्रिका के अलावा, दलित दस्तक यू-ट्यूब चैनल, वेबसाइट और दास प्रकाशन के जरिए सक्रिय हैं.
नोट- ‘दलित दस्तक’ के मुख्य संपादक एवं प्रकाशक अशोक दास से आप मोबाइल नंबर – 9711666056 या ईमेल- editorashokdas@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।

राज कुमार साल 2020 से मीडिया में सक्रिय हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं।
The way and pattern we bhajun people has start following after ten or fifteen years it’s effect will be seen in our society.According to my opinion awareness will come as a result they will be able to fight against any conspiracy and oppression. Our bhajun society salute the people like you who are continuously fighting for the rights and bright future of my society.