राजस्थान। देश के कई हिस्सों में जब मनुस्मृति दहन किया जा रहा था, राजस्थान में मनु की व्यवस्था के मुताबिक दलितों को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा था. असल में राजस्थान के जालोर जिले के शंखवाली गांव में दलित समाज के लोग मंदिर में जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें वहां जाने की इजाजत नहीं मिल रही थी. इसे मुद्दा बनाते हुए लालसोट के विधायक डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में दलित समाज के लोग मंदिर में प्रवेश करने गए, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच जमकर हंगामा हुआ.
असल में शंखवाली गांव के राजपुरोहित समाज ने मंदिर को निजी बताते हुए दलितों को प्रवेश करने से मना कर दिया. इस तरह दलित और राजपुरोहित समाज आमने-सामने हो गए. पुलिस प्रशासन ने राजपुरोहित समाज और दलित समाज के बीच बातचीत कराने की कोशिश की, जो नाकाम रही, जिससे स्थित और उग्र होने लगी.
इसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कानून और शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए डॉ. किरोड़ी लाल मीणा सहित पचास लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले के बाद राजस्थान की सियासत गरमा गई है। विधायक मीणा और उनके समर्थकों का कहना है कि मंदिर प्रवेश सबका अधिकार है और किसी को इससे रोका नहीं जा सकता.

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