यूपी के अमेठी में दलित परिवार का सामूहिक हत्याकांड, पुलिस पर उठे गंभीर सवाल

उत्तर प्रदेश के अमेठी में दलित समाज के व्यक्ति की परिवार सहित गोली मार कर हत्याअमेठी। उत्तर प्रदेश के अमेठी में दलित समाज के व्यक्ति की परिवार सहित गोली मार कर हत्या दी गई है। मरने वाले में युवक, उसकी पत्नी और दो बेटियां हैं। एक ही परिवार के चार लोगों की निर्मम हत्या से पूरे प्रदेश में खलबली मच गई है। इस मामले में यूपी पुलिस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। खबर है कि सुनील की पत्नी पूनम भारती ने 18 अगस्त को रायबरेली में छेड़खानी और जान से मारने की धमकी को लेकर पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने इसको गंभीरता से नहीं लिया।

घटना सामने आने के बाद बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती सहित चंद्रशेखर आजाद, अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने यूपी सरकार को जमकर घेरा है। मारे गए परिवार के मुखिया सुनील कुमार एक सरकारी शिक्षक थे। सुनील के साथ पत्नी पूनम भारती और उनकी दो मासूम बेटियों दृष्टि (5) और मिकी (2) को भी हैवानों ने नहीं बख्शा।

बसपा प्रमुख मायावती ने घटना को अति-दुखद व चिन्ताजनक बताते हुए यूपी सरकार को घेरा है। बहनजी ने कहा कि सरकार दोषियों व वहां के पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। तो दूसरी ओर आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने भी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरते हुए कहा कि अमेठी की घटना बताती है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज नहीं, बल्कि जंगलराज है। यह घटना उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की असली तस्वीर है, कि सच क्या है और प्रचार क्या है। सच यह है कि उत्तर प्रदेश में दलितों के जीवन की कोई गारंटी नही है, कल किसका नंबर होगा पता नहीं, और प्रचार यह है कि कानून व्यवस्था बहुत अच्छी है।

नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अगर पुलिस-प्रशासन द्वारा पूनम भारती की डेढ़ महीना पहले खुद के साथ छेड़खानी और जान से मारने की धमकी की, शिकायत पर कार्यवाही की होती तो आज चार जान नहीं जाती। चंद्रशेखर आजाद ने सीएम योगी से मामले को गंभीरता से लेते हुए 48 घंटे में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्यवाही करने और असंवेदनशील पुलिसकर्मियों पर भी सख्त कार्यवाही करने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर अमेठी पहुंचकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिये अमेठी जिलाधिकारी कार्यालय पर धरने पर बैठने की धमकी दी है।

इस मामले में जिस तरह की खबरें आ रही है, उसमें सीधे तौर पर यूपी पुलिस की नाकामी और काम को लेकर लापरवाही नजर आ रही है। साफ है कि यूपी के अमेठी में दलित परिवार के चार लोगों की घर में घुसकर हत्या की खबर पुलिस महकमे पर धब्बा है। जब घर की महिला ने 18 अगस्त को छेड़खानी और जान से मारने की धमकी की शिकायत की थी, तो पुलिस ने मामले को गंभीरता से क्यों नहीं लिया? क्या यह परिवार दलित समाज का था इसलिए? ऐसे कई सवाल है, जिसका जवाब पुलिस महकमे को देना होगा।

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