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उज्जैन। बारात में दलित दूल्हे को घोड़ी पर न चढ़ने देने या फिर बारात को एक खास वर्ग के घर के सामने से न गुजरने देने की खबर आए दिन देश के कई हिस्सों से आती रहती है. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मध्य प्रदेश के उज्जैन की पुलिस ने एक अलग कदम उठाया है. उज्जैन के माहिदपुर तहसील में सरपंचों और पंचायत सचिवों को आदेश दिया गया है कि दलितों के घर होने वाली शादी की सूचना पुलिस को पहले ही दे दें.
प्रशासन ने आदेश दिया है कि सरपंच और पंचायत सचिव अपने अधिकार क्षेत्र में किसी दलित के घर पड़ने वाली शादी की सूचना शादी से कम से कम तीन दिन पहले पुलिस को दें. दरअसल प्रशासन ने यह कदम बीते दिनों उज्जैन के नाग गुराडियां गांव में एक दलित दूल्हे को सवर्णों द्वारा घोड़ी से जबरन उतारे जाने की घटना को देखते हुए उठाया है. माहिदपुर के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट जगदीश गोमे ने एक सर्कुलर जारी कर सरपंचों और पंचायत सचिवों को दलितों के घर होने वाली शादियों को लेकर सतर्क रहने के लिए कहा है. पुलिस का कहना है कि “एहतियातन यह कदम उठाया गया है. हम नहीं चाहते कि कोई अनहोनी घटना घटे. किसी के साथ घटना बीत जाने के बाद कोई सबूत नहीं मिल पाता. क्योंकि आरोपी हर आरोप से इनकार करता है और बिल्कुल नई कहानी सुनाता है. इससे अच्छा है कि बारात निकलने के वक्त पुलिस मौजूद रहे.”