महराजगंज। उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन दलितों के साथ भेदभाव और मारपीट की घटना सामने आ रही है. इसी भेदभाव और मारपीट के चलते एक दलित परिवार नौतनवां तहसील परिसर में धरना दे रहा है. ये दलित परिवार पिछले 16 दिनों से यहां न्याय की उम्मीद लिए धरने पर बैठा है, लेकिन पुलिस और प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
दरअसल, पिपरा सोहट गांव के रहने वाले रामसेवक अपनी पत्नी आरती और दो छोटे बच्चों के साथ तहसील पर धरना दे रहे हैं. आरती का कहना है कि बीते 14 सितंबर की देर रात करीब आधा दर्जन सवर्ण उनके मकान में पहुंचे और ताला तोड़कर उसमें रखे सारे सामान व नगदी उठाकर ले गए. साथ ही मकान पर कब्जा जमा लिया. जब उन्होंने इसका विरोध किया तो सवर्णों ने मारपीट भी की.
पीड़ित परिवार ने इसकी लिखित शिकायत कोल्हुई थाने पर की. लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. मकान पर कब्जा जमाए लोगों ने धमकी देना भी शुरू कर दिया. अधिकारियों से शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर वह लोग तहसील परिसर में दो अक्टूबर से धरने पर बैठे हैं.
पीड़ित परिवार का आरोप है कि धरने के दौरान पुलिस ने कई बार जबरन उन्हें हटाने की कोशिश की. उनका यह भी आरोप है कि पुलिस की तरफ से फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने की धमकी देकर धरना समाप्त कराने की कोशिश भी की गई. दलित परिवार ने कहा कि न्याय मिलने तक हम धरना जारी रखेंगे.
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