बागपत। यूपी में शिक्षा व्यवस्था बहुत तेजी से बिगड़ती जा रही है. यूपी सरकार पहले से ही शिक्षामित्रों के साथ उचित व्यवहार नहीं कर रही है. अब कॉलेजों में भी प्रशासन, प्रिंसिपल और शिक्षक छात्रों के साथ अनुचित व्यवहार कर रहे हैं.
मामला है यूपी के बागपत में स्थित आर्य इंटर कॉलेज का. जहां की प्रिंसिपल पर एक दलित छात्रा कॉलेज से निकालने का आरोप लगा है. आरोप है कि 12वीं में पढ़ने वाली दलित छात्रा को सामान्य वर्ग के बराबर फीस न देने पर जबरन उसका नाम कॉलेज से काट दिया गया और टीसी भी थमा दी. जब इस घटना का छात्रा के परिजनों ने विरोध किया तो प्रिंसिपल ने उनके साथ भी बदसलूकी की और मार-पीट की धमकी देकर भगा दिया.
बागपत के अंगदपुर गांव निवासी आंचल ने बताया कि वह छह सितंबर को कालेज गई थी. प्रधानाचार्य और कक्षा अध्यापिका ने उसे फीस लाने के लिए कहा, जिस पर उसने मई में दी फीस का हवाला देकर कहा कि 1400 रुपये फीस जमा कर दी गई है. इसके बाद पूरा कि अभी कितना बकाया है?
प्रधानाचार्य ने उसे 1400 रुपये और जमा कराने के लिए कहा. जब उसने अपने आपको अनुसूचित जाति का होने का हवाला दिया और सामान्य वर्ग से कम फीस होने की बात कही तो कहा गया कि वर्तमान सरकार ने फीस माफी बंद कर दी है, इसलिए पूरी फीस जमा करानी होगी. उसने असमर्थता जताई तो प्रधानाचार्य और कक्षा अध्यापिका ने उसके साथ मारपीट करते हुए यातनाएं दी.
नौ सितंबर को उसे व उसके पिता नरेंद्र को कालेज में बुलाकर जबरन टीसी काटकर दे दिया. पीड़िता ने बताया कि फरवरी या मार्च माह में परीक्षा होनी है, जिससे उसका भविष्य अंधकार में चला गया है. उसके पिता ने उसी दिन बिनौली थाने में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने शिक्षा विभाग का हवाला देकर उसे टरका दिया.
उसके बाद छात्रा अपने परिजनों के साथ जिला मजिस्ट्रेट के पास शिकायत लेकर पहुंची. डीएम भवानी सिंह खंगारौत ने शिकायत सुनकर बीएसए को जांच कर पूरी रिपोर्ट तलब की है. शिकायत पर डीएम ने जांच बैठा दी है.
बागपत के बीएसए योगराज सिंह का कहना है कि डीएम के निर्देश पर जांच शुरू कर दी गई है. प्रधानाचार्य को मामले का निस्तारण कर छात्रा को प्रवेश देने के लिए कहा गया है. प्रारंभिक जांच में फीस को लेकर विवाद होना सामने आ रहा है, जिसका निस्तारण कर डीएम को रिपोर्ट दी जाएगी.
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