अजमेर। राजस्थान के अजमेर जिले में अंराई कस्बे के पास सरवर गांव में दलित समाज के युवक की बिन्दौरी (बारात) निकालने पर उच्च जातियों के साथ विवाद हो गया. गांव के कुछ मनुवादियों की गुंडागर्दी के कारण घोड़ी पर दलित की बिन्दौरी नहीं निकलने दी गई. दलित बैरवा समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर को शिकायत की. इसके बाद पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए. कलेक्टर के निर्देश पर नसीराबाद और किशनगढ उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, पुलिस उपाधीक्षक सहित दो थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. इसके बाद दलित दुल्हे की बारात शांतिपूर्वक निकाली गई.
सरवर निवासी प्रधान बैरवा की शादी होनी थी. विवाह कार्यक्रम के अनुसार बिन्दौरी निलकने लगी. आरोप है कि शादी का कार्यक्रम शुरू होने के बाद से ही गांव के कुछ मनुवादी परिवार पर बिन्दौरी नहीं निकालने का दबाव बना रहे थे. जब दलित की बिन्दौरी निकलने लगी तो मनुवादियों ने विवाद करते हुए घोड़ी पर बिन्दौरी नहीं निकालने दी.
इस पर दलित समाज के लोगों में रोष फैल गया. बैरवा समाज के लोगों ने विरोध जताते हुए जिला कलेक्टर को शिकायत कर पुलिस सुरक्षा की गुहार लगाई. कलेक्टर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सरवर गांव भेजा गया. यहां पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में दलित समाज के दूल्हे की घोड़ी पर बिन्दौरी शांतिपूर्वक निकाली गई. इसके बाद दूल्हा और बारात रवाना हो गई.
दलित परिवार के दूल्हा प्रधान बैरवा ने प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में घोड़ी पर बिन्दौरी निकालने के बाद प्रशासन का आभार जताया. गौरतलब है कि राजस्थान में दलितों को घोड़ी पर बैठकर बारात निकालने पर दलित जाति के लोगों को पीटने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती है.
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