यमुनानगर। हरियाणा के कनालसी गांव में सोमवार देर रात घुड़चढ़ी रस्म के दौरान दलित समुदाय के दूल्हे को गांव के ही दूसरी जाति के लोगों ने घोड़ी से नीचे उतार दिया. आरोप है कि दूल्हे के परिजनों से मारपीट भी की गई. जिस वाहन पर डीजे लगा हुआ था, उसका शीशा भी तोड़ दिया गया. सूचना मिलने पर रात को ही थाना बूड़िया एसएचओ हरदीपेंद्र सिंह गांव में गए.
सोमवार रात कनालसी निवासी पालाराम के बेटे कर्मचंद की शादी थी. रात को गांव में घुड़चढ़ी की रस्म की जा रही थी. कर्मचंद की मां लीला देवी ने बताया कि घुड़चढ़ी के दौरान उन्होंने गांव में बने सभी चार धार्मिक स्थानों पर बेटे के साथ मत्था टेका. जब वे गांव में बनी घोड़ा गाड़ी पर जा रहे थे तो एक परिवार ने उन्हें यह कहकर रोक लिया कि वे घोड़ी पर चढ़ने की रस्म अदा क्यों कर रहे हैं. यह अधिकार उसको नहीं है. इस रस्म पर सिर्फ उनका ही अधिकार है, दलित का नहीं.
लीला देवी ने बताया कि जब उनके परिजनों और रिश्तेदारों ने इसका विरोध किया तो दूसरे पक्ष ने उसके साथ झगड़ा किया. इसी बीच कुछ युवकों ने उसके डीजे वाली गाड़ी के शीशे तोड़ दिए. उसके रिश्तेदारों ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम में दी. कर्मचंद की मौसी माया, गांव की रितु, संतोष, मीना आदि ने बताया कि रात को उन पर गलत तरीके से हमला किया गया. वे तो शांतिपूर्वक मत्था टेकने जा रहे थे, लेकिन दूल्हे को घोड़े से उतार दिया गया. वे इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से करेंगे.
गांव की सरपंच मंजू देवी के पति राजकुमार और पूर्व सरपंच मेघ सिंह का कहना है कि मारपीट और घोड़ी से नीचे उतारने के आरोप निराधार हैं. दलित जाति के लोग रात 11 बजे शराब के नशे में धुत होकर डीजे बजा रहे थे. इसकी जानकारी उन्हें पंडित सोमपाल ने दी. उन्होंने देखा कि वे लोग आपस में लड़ रहे हैं. वे उन्हें समझाने के लिए गए थे. पालाराम का परिवार घर जाने के बाद दोबारा उनके पास आए और उन पर हमला कर दिया. गांव में आपसी माहौल न बिगड़े इसलिए वे चुप रहे. राजकुमार का कहना है कि वे सरपंच एक विशेष बिरादरी के नहीं हैं, वे सभी का नेतृत्व कर रहे हैं. अब यह मामला बुधवार पंचायत में रखा जाएगा.
बूड़िया एसएचओ हरदीपेंद्र सिह ने बताया कि सोमवार रात घुड़चढ़ी रोकने की सूचना आई थी. उसके बाद वे मौके पर पहुंचे. सरपंच और पुलिस के प्रयास से मामला सुलझ गया था. मंगलवार शाम तक किसी भी पक्ष ने लिखित शिकायत नहीं दी है.

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