उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में जातिवादी किस कदर बेखौफ हैं यह आए दिन होने वाली घटनाओं से साफ हो गया है. ताजा घटनाक्रम में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जातिवादी गुंडों ने सिर्फ 200 रुपये के लिए दलित परिवार पर गोलियां चला दी। इस घटना में दलित परिवार के 35 साल के संजीव की मौके पर ही मौत हो गई जबकि बच्चों सहित एक अन्य युवक गोली लगने से घायल हो गया। घायलों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
घटना मुजफ्फरनगर जिले के जानसठ कोतवाली क्षेत्र के राजपुर कला गांव की है। मामला महज 200 रुपये के लेन-देन का था। इसको लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ गई की राजेन्द्र नाम के गुंडे ने अपने बेटे मोहित और एक अन्य साथी के साथ मिलकर अपनी लाइसेंसी बंदूक से दलित परिवार पर फायरिंग शुरू कर दी। जब तक किसी को समझ में आता और कोई बीच-बचाव को आता देर हो गई थी।
संजीव की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसका 4 साल का बेटा शौर्य, 5 साल की बेटी दिव्या और भाई मोहित गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना में मारा गया युवक और उसका परिवार वाल्मीकि समाज के हैं, जबकि आरोपी जाट समाज का है। मारे गए संजीव के घायल भाई मोहित का आरोप है कि वह दो सौ रुपये रख लेने की बात कह रहा था, लेकिन हमने उसके कोई पैसे नहीं रखे हैं। उसने अचानक गोली चला दी।
घटना को अंजाम देने के आरोपी आसानी से भाग निकले। तो दूसरी ओर प्रशासन ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चार टीमों का गठन किया है। लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है कि जो भाजपा सरकार और उसके सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार गुंडों को काबू में करने और गुंडों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाने की बात करने हैं उनके शासन में जातिवादी गुंडे क्यों नहीं काबू में आ रहे हैं। प्रदेश में दलितों पर अत्याचार आए दिन बढ़ता जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के एटा में भी एक रेस्तरां में योगेश यादव नाम के युवक को अपने चार साथियों के साथ सिर्फ इसलिए पीटा क्योंकि वो कुर्सी पर बैठ कर खा रहा था। योगेश याव ने पहले उसकी जाति पूछी, और फिर उसे पीटा।