नई दिल्ली। नवादा जिले के कृष्णा नगर गांव की सरकारी जमीन पर बसे अनुसूचित जाति के मजदूर, मुसहर व मोची परिवारों के 80 से ज्यादा घर जलाने की घटना को लेकर दलित नेताओं ने बिहार सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बसपा अध्यक्ष मायावती सहित तमाम दलित नेताओं ने प्रदेश सरकार की जमकर आलोचना की है। वहीं आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट में कहा-“बिहार के नवादा में दबंगों द्वारा गरीब दलितों के काफी घरों को जलाकर राख करके उनका जीवन उजाड़ देने की घटना अति-दुखद व गंभीर। सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के साथ ही पीड़ितों को पुनः बसाने की व्यवस्था के लिए पूरी आर्थिक मदद भी करें।”
वहीं आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने इस घटना को जंगलराज का जीता-जागता उदाहरण कहा है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पीड़ितों की आर्थिक मदद और मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।
नवादा में हुई इस घटना के बाद सियासत भी तेज हो गई है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘महा जंगलराज! महा दानवराज! महा राक्षसराज!’ नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के राज में बिहार में आग ही आग। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेफिक्र है। सहयोगी दल बेखबर! गरीब जले, मरे-इन्हें क्या? दलितों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं होगा।”
इधर, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने घटना की निंदा करते हुए मुख्यमत्री नीतीश कुमार से पीड़ितों को आर्थिक मदद देने व मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. उन्होंने एक्स पर लिखा, “मामले की न्यायिक जांच की भी मांग करता हूं ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी घटना करने की हिमाकत भी न करे। पीड़ित परिजनों के प्रति मेरी और मेरे पार्टी की गहरी संवेदना है, मैं जल्द ही घटनास्थल का दौरा कर परिजनों से मुलाकात करूंगा।”
‘दलित दस्तक’ में डिजिटल कंटेंट एडिटर अरुण कुमार वर्मा पिछले 15 सालों से सक्रिय पत्रकार हैं। भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC), दिल्ली से पत्रकारिता करने के बाद अरुण वर्ष 2008 से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। हिंदी दैनिक अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत करने के पश्चात राजस्थान पत्रिका व द मूकनायक जैसे प्रिंट व डिजिटल मीडिया संस्थानों में बतौर रिपोर्टर और एडिटर काम किया है। अरुण को 2013 में पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए ‘पण्डित झाबरमल पत्रकारिता पुरस्कार’ व वर्ष 2015 में प्रतिष्ठित ‘लाडली मीडिया पुरस्कार’ जीता है। अरुण उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के मूल निवासी है।